इस्लामाबाद: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति एक बार फिर चिंता का विषय बन गई है. चालू वित्त वर्ष 2025-26 में देश को 23 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का विदेशी कर्ज चुकाना है. यह जानकारी हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स और आर्थिक समीक्षा 2024-25 से सामने आई है. पाकिस्तान के वित्तीय वर्ष की अवधि 1 जुलाई से 30 जून तक होती है.
कर्ज का बढ़ता बोझ
पाकिस्तान पर इस समय कुल 76,010 अरब पाकिस्तानी रुपये का कर्ज है. इसमें से 51,520 अरब रुपये (लगभग 180 अरब अमेरिकी डॉलर) का घरेलू कर्ज है, जबकि 24,490 अरब रुपये (करीब 87.4 अरब डॉलर) का विदेशी कर्ज है. इस विदेशी कर्ज में सरकार द्वारा लिया गया ऋण और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लिए गए ऋण शामिल हैं.
इस साल कितना कर्ज चुकाना है?
2025-26 के वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान को 23 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है. खास बात यह है कि इस राशि में से 12 अरब डॉलर की रकम उन मित्र देशों से अस्थायी जमा के रूप में मिली है, जिनसे पाकिस्तान को उम्मीद है कि वे इस राशि की वापसी की समयसीमा को आगे बढ़ा देंगे.
यह 12 अरब डॉलर निम्नलिखित देशों से मिले हैं:
बाकी कर्ज का भुगतान भी बड़ी चुनौती
इन अस्थायी जमाओं के अलावा पाकिस्तान को करीब 11 अरब डॉलर की राशि बहुपक्षीय संस्थाओं, द्विपक्षीय ऋणदाताओं, अंतरराष्ट्रीय बांडधारकों और वाणिज्यिक उधारदाताओं को चुकानी होगी. यह हिस्सा भी देश की वित्तीय स्थिति पर बड़ा दबाव बना रहा है.
बजट का बड़ा हिस्सा कर्ज अदायगी में खर्च
पाकिस्तान सरकार ने 2025-26 के बजट में कर्ज चुकाने के लिए 8,200 अरब रुपये का प्रावधान किया है, जो कि कुल संघीय बजट (17,573 अरब रुपये) का लगभग 46.7% है. यानी हर दो में से एक रुपया सिर्फ कर्ज और उसके ब्याज को चुकाने में खर्च होगा.
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