10-12 बार गला रेता, हाथ काटने के लिए कई बार वार... मुस्कान ने ड्रम में ही क्यों छिपाई सौरभ की लाश?

सौरभ राजपूत हत्याकांड में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. पुलिस, फोरेंसिक टीम और साइबर सेल तीन स्तरों पर जांच कर रही हैं, जिसमें हत्याकांड की क्रूरता और सुनियोजित साजिश के नए पहलू उजागर हो रहे हैं.

Throat slit 10-12 times multiple attacks to cut hands Why did Muskaan hide Saurabhs body in the drum
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

मेरठ: सौरभ राजपूत हत्याकांड में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. पुलिस, फोरेंसिक टीम और साइबर सेल तीन स्तरों पर जांच कर रही हैं, जिसमें हत्याकांड की क्रूरता और सुनियोजित साजिश के नए पहलू उजागर हो रहे हैं.

हत्या की भयावह साजिश

साहिल और मुस्कान ने सौरभ के शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए पहले एक सूटकेस का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी, लेकिन जब वह छोटा पड़ा, तो मुस्कान ने अगले दिन एक ड्रम खरीदा. इसके बाद शव के टुकड़ों को उसमें भरकर सीमेंट से सील कर दिया गया. फोरेंसिक जांच से पता चला कि सौरभ की गर्दन काटने के लिए 10-12 बार वार किया गया, जिससे खून पूरे कमरे में फैल गया.

फोरेंसिक टीम के अहम खुलासे

1. खून के निशान मिटाने की कोशिश

हत्या के बाद, अपराधियों ने खून के धब्बे साफ करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल किया. फोरेंसिक टीम को कमरे और बाथरूम में 25 जगहों पर खून के निशान मिले, जिनमें बेडशीट, फर्श, दीवारें और चाकू शामिल हैं. बेंजाडीन और ल्यूमिनॉल टेस्ट से खून के धब्बों की पुष्टि हुई.

2. लाश को ठिकाने लगाने का तरीका

पुलिस को घटनास्थल पर खून से सना एक सूटकेस भी मिला. प्रारंभिक योजना के तहत, शव के टुकड़ों को इसमें भरकर फेंकने की योजना थी, लेकिन बाद में ड्रम का उपयोग किया गया. फोरेंसिक टीम ने इस सूटकेस को जांच के लिए जब्त कर लिया है.

3. हत्या में प्रयुक्त हथियारों पर मिले फिंगरप्रिंट

ड्रम से दो चाकू बरामद हुए, जिन पर साहिल और मुस्कान के फिंगरप्रिंट मिले हैं. इन चाकुओं को विस्तृत जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है.

4. खून से सनी बेडशीट और DNA जांच

फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से खून से सने कपड़े, बेडशीट, तकिए और अन्य सामग्रियां बरामद की हैं. खून के नमूनों का मिलान करने के लिए सौरभ के परिवार के सदस्यों के ब्लड सैंपल लिए जाएंगे. प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है कि घटनास्थल पर मिला खून सौरभ का ही है.

5. मोबाइल लोकेशन और डिजिटल साक्ष्य

साइबर सेल ने साहिल और मुस्कान की मोबाइल लोकेशन का नक्शा तैयार किया है, जिससे हत्या के दिन उनकी गतिविधियों का पता लगाया जा सके. मोबाइल डेटा को रिकवर कर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है. स्नैपचैट पर हुई बातचीत भी जांच का हिस्सा बनी है.

6. डिजिटल साक्ष्य और कबूलनामा

साहिल और मुस्कान के कबूलनामे, फोरेंसिक रिपोर्ट और अन्य डिजिटल साक्ष्यों को ‘ई-साक्ष्य’ ऐप पर सुरक्षित किया गया है. यह कोर्ट में पेश किए जाने वाले डिजिटल प्रमाणों के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.

पुलिस की प्रतिक्रिया

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस को हत्याकांड से जुड़े कई अहम सबूत मिले हैं. सौरभ की हत्या बेहद निर्मम तरीके से की गई थी, और हम जल्द ही केस की चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश करेंगे, ताकि आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके.

इस हत्याकांड की बर्बरता और सुनियोजित योजना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है. अब सभी की नजरें पुलिस और न्याय प्रणाली पर टिकी हैं, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके.

ये भी पढ़ें- दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा पर एनकाउंटर में महिला नक्सली ढेर, सुरक्षाबलों ने राइफल और गोला-बारूद किया बरामद