नई दिल्ली: भारत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. इस कदम के तहत, सरकार लक्षद्वीप के 10 द्वीपों में से एक द्वीप बित्रा द्वीप को अपने नियंत्रण में लेने की योजना बना रही है. वर्तमान में बित्रा द्वीप पर 105 परिवार रहते हैं, और इस कदम के खिलाफ कई स्थानीय परिवार विरोध जता रहे हैं.
इस मुद्दे को इस समय विशेष महत्व इसलिए भी दिया जा रहा है क्योंकि कुछ समय पहले मालदीव के साथ विवाद के बाद सरकार को अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने की आवश्यकता महसूस हुई थी. मालदीव में सरकार के बदलने के बाद वहां की नई सरकार भारत के प्रति आक्रामक रुख अपनाने लगी थी. इसके परिणामस्वरूप भारत में "बायकॉट मालदीव" मुहिम चलाई गई थी, जो बाद में मालदीव सरकार के रिश्तों को भारत से सुधारने की दिशा में काम करने का कारण बनी.
बित्रा द्वीप: राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम
भारत सरकार का निर्णय सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. लक्षद्वीप के राजस्व विभाग ने 11 जुलाई को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि बित्रा द्वीप को रक्षा और रणनीतिक एजेंसियों को सौंपा जाएगा. इसके पीछे का कारण द्वीप की रणनीतिक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी प्रासंगिकता है. इस कदम से सरकार का उद्देश्य द्वीप की सुरक्षा को मजबूत करना और भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा को बेहतर बनाना है.
लक्षद्वीप के सांसद का विरोध
हालांकि, इस कदम पर विरोध भी उठने लगा है. लक्षद्वीप के सांसद हमदुल्ला सईद ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि इस कदम से क्षेत्र की शांति में विघ्न डाला जा सकता है और यह कदम द्वीपवासियों के अधिकारों के खिलाफ है. सांसद सईद ने यह भी स्पष्ट किया कि वे बित्रा द्वीप के लोगों के लिए अपनी आवाज उठाएंगे और उनके हितों की रक्षा करेंगे.
उन्होंने एक वीडियो संदेश में बित्रा के निवासियों से यह कहते हुए चिंता न करने को कहा कि सरकार का यह कदम द्वीपवासियों के लिए नकारात्मक प्रभाव डालने वाला नहीं होगा. उनका संकल्प है कि वह इस फैसले के खिलाफ संघर्ष करेंगे और द्वीपवासियों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए अपनी पूरी ताकत से काम करेंगे.
इसका उद्देश्य: सुरक्षा और रणनीतिक मजबूती
भारत सरकार का यह निर्णय पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मजबूती से जुड़ा हुआ है. हाल के समय में भारत ने अपनी रक्षा नीति को और अधिक मजबूती देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, और बित्रा द्वीप का नियंत्रण इस दिशा में एक और अहम कदम है. इस द्वीप पर नियंत्रण से भारतीय सुरक्षा बलों को अपनी समुद्री सीमा की निगरानी और सुरक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी, जिससे देश की रक्षा स्थिति और अधिक सुदृढ़ होगी.
ये भी पढ़ें- F-35 से लेकर राफेल तक को मार गिराने के दावे झुठे... इजरायल और भारत ने कैसे बदला हवाई जंग का भविष्य?