Tejashwi Yadav And Rameez Nemat Khan: बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदों का पहाड़ खड़ा करने वाली आरजेडी को जिस करारी हार का सामना करना पड़ा, उसने पूरे महागठबंधन की नींव हिला दी है. महज़ 25 सीटों पर सिमट गई आरजेडी और कुल 35 सीटों तक पहुंचा महागठबंधन, तेजस्वी यादव के चुनावी दावों और आत्मविश्वास के बिल्कुल उलट नतीजे लेकर आया.
लेकिन असली तूफ़ान चुनाव मैदान में नहीं, बल्कि लालू परिवार के भीतर उठ रहा है. हार के बाद सियासत का केंद्र बने हैं संजय यादव, जिन्हें तेज प्रताप यादव खुले तौर पर ‘जयचंद’ कह रहे हैं. और अब इस विवाद में एक और नाम उभरकर सामने आया है, रमीज नेमत खान, जिनके चलते तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने तो परिवार से नाता तोड़ने तक का ऐलान कर दिया है.
RJD leader and Lalu Prasad Yadav's daughter Rohini Acharya tweets, "I’m quitting politics and I’m disowning my family. This is what Sanjay Yadav and Rameez had asked me to do. I’m taking all the blame." pic.twitter.com/p23iUxFbJJ
— ANI (@ANI) November 15, 2025
रोहिणी ने छोड़ी राजनीति, परिवार से भी किया किनारा
चुनावी नतीजों के बाद सोशल मीडिया पर रोहिणी आचार्य का बयान किसी विस्फोट से कम नहीं था. उन्होंने एक्स पर लिखा कि वे राजनीति छोड़ रही हैं और परिवार से दूर हो रही हैं. उनका दावा है कि संजय यादव और रमीज नेमत खान ने ही उन्हें ऐसा करने को कहा, और वह अब इस पूरे विवाद का दोष खुद पर ले रही हैं. इस पोस्ट ने न सिर्फ आरजेडी खेमे में हलचल मचा दी, बल्कि परिवार की अंदरूनी खटपट को भी खुले तौर पर सामने ला दिया.
कौन हैं रमीज नेमत खान, जिनका नाम बना विवाद की जड़?
रमीज नेमत खान उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से आते हैं और 2016 में आरजेडी से जुड़े थे. शुरुआत में वे डिप्टी सीएम ऑफिस में बैकडोर संचालन से जुड़े थे और बाद में तेजस्वी यादव के दफ्तर का हिस्सा बन गए.
तेजस्वी के रोज़मर्रा के शेड्यूल से लेकर चुनावी कैंपेनिंग तक, रमीज की भूमिका बेहद अहम रही है. दिलचस्प बात यह है कि संजय यादव की तरह रमीज भी तेजस्वी के क्रिकेट वाले दिनों के दोस्त हैं. रमीज बलरामपुर के पूर्व सांसद रिजवान ज़हीर के दामाद हैं, जबकि उनकी पत्नी जेबा रिजवान श्रावस्ती में सपा नेता हैं और तुलसीपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.
परिवार में कलह की पुरानी कड़ियां
यह पहली बार नहीं है जब संजय यादव विवादों के केंद्र में आए हों. लालू परिवार में पहले भी उनके चलते तनाव की स्थितियाँ बन चुकी हैं. संजय पर उठ रहे सवालों के बीच तेज प्रताप यादव ने खुले तौर पर बहन रोहिणी का समर्थन किया था.
इतना ही नहीं, चुनावी दौर में उन्होंने मीडिया से कहा था कि वे ‘गीता की कसम’ खाकर कह रहे हैं कि चाहे जितनी बार बुलाया जाए, वे आरजेडी में वापस नहीं जाएंगे. उन्होंने यह भी साफ कहा था कि रोहिणी का अपमान करने वालों के खिलाफ वह “सुदर्शन चक्र” चलाकर रहेंगे.
यह भी पढ़ें- IND vs SA: टेस्ट में ऋषभ पंत ने रचा इतिहास, इस मामले में बने नंबर 1; सहवाग-रोहित जैसे दिग्गजों को पछाड़ा