What is Silent Call: आजकल मोबाइल फोन पर अनजान नंबरों से कॉल आना आम बात हो गई है, लेकिन कई लोगों के साथ एक अजीब अनुभव सामने आ रहा है. फोन बजता है, कॉल रिसीव करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आती. कुछ सेकंड बाद कॉल अपने आप कट जाती है. पहली नजर में यह तकनीकी खराबी लग सकती है, लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा गंभीर हो सकती है.
पिछले कुछ समय में देश के अलग-अलग हिस्सों से साइलेंट कॉल्स को लेकर बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की गई हैं. इन शिकायतों के बाद अब सरकार की ओर से भी इसे लेकर चेतावनी जारी की गई है.
तकनीकी खराबी नहीं, साइबर ठगी का नया पैटर्न
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) के मुताबिक, साइलेंट कॉल्स किसी नेटवर्क एरर की वजह से नहीं होतीं. यह दरअसल साइबर अपराधियों द्वारा अपनाया गया एक नया तरीका हो सकता है. इन कॉल्स के जरिए स्कैमर्स लोगों की निजी जानकारी तक पहुंचने की तैयारी करते हैं.
सरकारी एजेंसियों का कहना है कि यह तरीका डेटा चोरी, फाइनेंशियल फ्रॉड और डिजिटल ठगी की शुरुआती कड़ी हो सकता है, जिसे हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है.
स्कैमर्स साइलेंट कॉल से क्या जांचते हैं?
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की गई जानकारी में बताया है कि साइलेंट कॉल्स का मुख्य मकसद यह पता लगाना होता है कि कोई मोबाइल नंबर सक्रिय है या नहीं. जैसे ही कोई व्यक्ति कॉल रिसीव करता है, स्कैमर्स को यह संकेत मिल जाता है कि नंबर इस्तेमाल में है.
इसके बाद वही नंबर भविष्य में फ्रॉड कॉल्स, फर्जी ऑफर, बैंक स्कैम या ओटीपी फ्रॉड जैसी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. कई मामलों में एक्टिव नंबरों की लिस्ट तैयार कर उन्हें डार्क वेब या ठग नेटवर्क को भी बेच दिया जाता है.
कॉल बैक करना क्यों हो सकता है खतरनाक?
सरकार ने साफ चेतावनी दी है कि अगर आपको साइलेंट कॉल आए और सामने से कोई आवाज न हो, तो उस नंबर पर वापस कॉल न करें. कॉल बैक करने से आपका नंबर प्रीमियम रेट सर्विस से जुड़ सकता है या आपके फोन से बिना जानकारी के चार्ज कट सकता है. इसके अलावा, कॉल बैक करने से स्कैमर्स को यह भी कन्फर्म हो जाता है कि आप उस नंबर पर सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया देते हैं, जिससे आप उनके अगले टारगेट बन सकते हैं.
Sanchar Saathi ऐप से करें तुरंत शिकायत
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने लोगों से अपील की है कि ऐसे मामलों की शिकायत तुरंत सरकारी प्लेटफॉर्म पर दर्ज कराएं. इसके लिए Sanchar Saathi पोर्टल को सबसे प्रभावी माध्यम बताया गया है.
यूजर को sancharsaathi.gov.in वेबसाइट पर जाकर होम पेज पर मौजूद Citizen Centric Services सेक्शन में जाना होगा. यहां ‘Chakshu’ नाम का विकल्प मिलेगा, जहां साइलेंट कॉल, स्पैम कॉल या फ्रॉड से जुड़ी शिकायत दर्ज की जा सकती है. जरूरी जानकारी भरने के बाद शिकायत सबमिट की जा सकती है.
बढ़ते डिजिटल फ्रॉड के बीच सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव
विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे डिजिटल सेवाओं का दायरा बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर अपराधी भी नए-नए तरीके अपना रहे हैं. साइलेंट कॉल्स उसी कड़ी का हिस्सा हैं, जो देखने में मामूली लगती हैं लेकिन भविष्य में बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं.
सरकार और टेलीकॉम विभाग लगातार लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सबसे जरूरी है कि आम लोग खुद भी सतर्क रहें, अनजान कॉल्स से सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें.
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