इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया की सबसे कम रनों के अंतर से जीत, फिर भी रचा ये इतिहास

    IND vs ENG: क्रिकेट इतिहास में कुछ जीतें केवल स्कोरबोर्ड तक सीमित नहीं होतीं, वे एक टीम की जिजीविषा, आत्मविश्वास और समर्पण की गाथा बन जाती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है शुभमन गिल की कप्तानी में भारत की युवा टेस्ट टीम ने.

    Team India won against England by the lowest margin of runs yet created history
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    IND vs ENG: क्रिकेट इतिहास में कुछ जीतें केवल स्कोरबोर्ड तक सीमित नहीं होतीं, वे एक टीम की जिजीविषा, आत्मविश्वास और समर्पण की गाथा बन जाती हैं.  कुछ ऐसा ही कर दिखाया है शुभमन गिल की कप्तानी में भारत की युवा टेस्ट टीम ने.  लंदन के केनिंगटन ओवल में खेले गए पांचवें और निर्णायक टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को मात्र 6 रन से हराकर न केवल मुकाबला अपने नाम किया, बल्कि पांच मैचों की सीरीज को 2-2 से बराबरी पर खत्म करके आलोचकों को करारा जवाब भी दिया. 

    यह जीत भारत के टेस्ट इतिहास की सबसे कम अंतर से जीत रही, एक रोमांचक मुकाबला, जो क्रिकेट प्रेमियों के दिल में हमेशा के लिए बस गया. 

    कैसे पलटा भारत ने पासा

    भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 224 रन बनाए, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 247 रन बनाकर 23 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी.  लेकिन भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजों ने शानदार वापसी की और 396 रन जोड़कर इंग्लैंड को 374 रनों का विशाल लक्ष्य दिया. 

    इंग्लैंड ने भी हार नहीं मानी, जो रूट ने 105 और हैरी ब्रुक ने 111 रन की शानदार पारियां खेलीं.  अंतिम दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन और भारत को सिर्फ 4 विकेट चाहिए थे.  यही वह पल था जहां भारत के गेंदबाज़ों ने बाज़ी पलट दी. 

    सिराज की धारदार गेंदबाज़ी और ऐतिहासिक पल

    मोहम्मद सिराज ने अंतिम दिन जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए कुल 5 विकेट चटकाए, जबकि प्रसिद्ध कृष्णा ने 4 और आकाश दीप ने 1 विकेट लिया.  आखिरी ओवरों में जब सिराज ने एटकिंसन को यॉर्कर पर क्लीन बोल्ड किया, तो केनिंगटन ओवल भारतीय खिलाड़ियों और फैंस की खुशी से गूंज उठा. 

    क्यों खास है यह जीत?

    यह भारत की टेस्ट इतिहास में रनों के लिहाज से सबसे कम अंतर से जीत है (6 रन).  इससे पहले भारत ने 2004 में ऑस्ट्रेलिया को वानखेड़े में 13 रन से हराया था. यह पहली बार है जब भारत ने विदेशी धरती पर टेस्ट सीरीज़ का पांचवां और निर्णायक मैच जीता. इस जीत के साथ ही शुभमन गिल की कप्तानी वाली युवा ब्रिगेड ने यह दिखा दिया कि अनुभव से कहीं बढ़कर जुनून और आत्मविश्वास होता है. 

    क्रिकेट पंडितों को मिला करारा जवाब

    टूर की शुरुआत से पहले किसी ने भारत को इंग्लैंड में सीरीज़ जीत का दावेदार नहीं माना था.  लेकिन गिल की सेना ने न केवल अपने खेल से सबको चौंकाया, बल्कि यह साबित किया कि युवा खिलाड़ियों में भी बड़े मंच पर कमाल करने की काबिलियत होती है.

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