नई दिल्लीः न्यायपालिका में पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने पदभार ग्रहण करते ही अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने का फैसला किया है. एक बैठक में, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों ने यह निर्णय लिया कि वे अपनी संपत्ति की जानकारी देंगे और इसे उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. वेबसाइट पर कहा गया है कि यह संपत्ति की घोषणा स्वैच्छिक रूप से की जाएगी.
30 न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति की जानकारी दी
भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना सहित उच्चतम न्यायालय के 30 न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति की जानकारी दी है. उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट के अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि न्यायाधीशों को पदभार ग्रहण करते समय अपनी संपत्ति की घोषणा करनी चाहिए, और जब भी वे कोई महत्वपूर्ण संपत्ति अर्जित करें, तो उसकी जानकारी प्रधान न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत करनी चाहिए. इस प्रक्रिया में प्रधान न्यायाधीश द्वारा की गई घोषणाएं भी शामिल होंगी.
SCBA के पूर्व अध्यक्ष ने की सराहना
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पूर्व अध्यक्ष आदिश अग्रवाला ने सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने के फैसले की सराहना की है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के बाद हाईकोर्ट के जज भी ऐसा करेंगे. आदिश अग्रवाला ने जजों के खिलाफ चल रही जांच के बारे में बात करते हुए कहा कि अगर जांच पूरी होती है, तो मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना जज यशवंत वर्मा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दे सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट की बैठक में यह प्रस्ताव भी दिया गया कि आने वाले समय में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले जजों के लिए भी यह नियम लागू किया जाए. जजों की संपत्ति की जानकारी पहले मुख्य न्यायाधीश को दी जाती थी, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया जाता था. इससे पहले 26 अगस्त 2009 को सुप्रीम कोर्ट के जजों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक किया था.
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