भारत को कोई तो रोक लो...! अब अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाया पाकिस्तान

    इस्लामाबाद/वॉशिंगटन: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा लिए गए सख्त रुख से पाकिस्तान की सरकार में गहरी चिंता देखी जा रही है. लगातार बयानबाज़ी कर रहे पाकिस्तान के रक्षा और विदेश मंत्री यह कह चुके हैं कि भारत "कभी भी सैन्य कार्रवाई कर सकता है.

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    इस्लामाबाद/वॉशिंगटन: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा लिए गए सख्त रुख से पाकिस्तान की सरकार में गहरी चिंता देखी जा रही है. लगातार बयानबाज़ी कर रहे पाकिस्तान के रक्षा और विदेश मंत्री यह कह चुके हैं कि भारत "कभी भी सैन्य कार्रवाई कर सकता है." इस बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार, 30 अप्रैल 2025, को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से फोन पर संपर्क कर मौजूदा हालात पर चर्चा की.

    'भारत हमला कर सकता है' – अमेरिका से साझा किया डर

    इस फोन बातचीत में शहबाज शरीफ ने स्पष्ट रूप से अमेरिका को बताया कि पाकिस्तान को भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका सता रही है. उन्होंने कहा कि इस तनावपूर्ण स्थिति से पाकिस्तान का ध्यान अपने आंतरिक सुरक्षा एजेंडे से हट सकता है, जो कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए आवश्यक है.

    'हम भी आतंकवाद के शिकार' – पाकिस्तान का नया नैरेटिव

    वैश्विक मंचों पर आतंकवाद को लेकर कठघरे में खड़ा पाकिस्तान, अब खुद को 'आतंकवाद से पीड़ित' देश के रूप में पेश कर रहा है. शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के चलते 90,000 से अधिक जानें गंवाई हैं और 152 अरब डॉलर से ज्यादा का आर्थिक नुकसान सहा है. उन्होंने अफगानिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों . आईएसकेपी, टीटीपी और बीएलए — का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे लड़ना उनकी प्राथमिकता है, लेकिन भारत की आक्रामक बयानबाजी इस मिशन को कमजोर कर सकती है.

    पहलगाम हमले की जांच पर अमेरिका से की अपील

    प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पारदर्शी और निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की. साथ ही, उन्होंने अमेरिका से भारत पर बयानबाजी कम करने और शांतिपूर्ण रवैया अपनाने का दबाव बनाने की अपील की.

    सिंधु जल संधि का मुद्दा भी उठाया

    भारत की ओर से सिंधु जल संधि पर लिए गए हालिया फैसलों को लेकर भी पाकिस्तान ने चिंता जताई है. शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत द्वारा "पानी को हथियार" बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे पाकिस्तान की 24 करोड़ आबादी की जल सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.

    शांति की अपील, पर दबाव की रणनीति

    शहबाज शरीफ ने अमेरिका के आर्थिक समर्थन के लिए आभार जताते हुए कहा कि क्षेत्रीय शांति के लिए सभी पक्षों को मिलकर बात करनी चाहिए. उन्होंने ज़ोर दिया कि दक्षिण एशिया में स्थिरता तभी संभव है जब सभी पक्ष रचनात्मक संवाद को प्राथमिकता दें.
     

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