कभी स्मार्टफोन बाजार में कैमरा की संख्या ही उनकी खासियत बन गई थी. कंपनियों में यह होड़ लग गई थी कि कौन ज्यादा लेंस वाला फोन पेश करता है. चार रियर कैमरे, दो फ्रंट कैमरे यह तक देखने को मिला. लेकिन अब यही ट्रेंड तेजी से पलट रहा है. नई रिपोर्ट्स के अनुसार, अब स्मार्टफोन ब्रांड्स कैमरों की संख्या कम कर रहे हैं और दोबारा सिंपल कैमरा सेटअप को प्राथमिकता दी जा रही है.
मार्केट रिसर्च फर्म Omdia की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2025 की दूसरी तिमाही में बेचे गए स्मार्टफोन्स में औसतन 3.19 कैमरे (फ्रंट रियर मिलाकर) देखने को मिले. जबकि एक साल पहले यही औसत 3.37 था. दिलचस्प बात यह है कि यह लगातार 13वीं तिमाही है जब यह आंकड़ा गिरा है. खास बात यह भी है कि कैमरा घटाने की यह प्रक्रिया मुख्यतः रियर कैमरों पर केंद्रित है, क्योंकि फ्रंट में शुरू से ही एक ही लेंस मिलता रहा है.
डुअल कैमरा की वापसी
जहां एक वक्त मल्टीपल रियर कैमरे फोन की स्टाइल स्टेटमेंट बन चुके थे, वहीं अब डुअल कैमरा सेटअप फिर से लोकप्रिय हो रहा है. पिछली तिमाही की डाटा के अनुसार:
41% स्मार्टफोन डुअल कैमरा के साथ आए
36% में ट्रिपल कैमरा था. जबकि 21% स्मार्टफोन में केवल एक रियर कैमरा मौजूद था. ऐप्पल जैसी दिग्गज कंपनी ने भी इस ट्रेंड को अपनाया है. कंपनी ने इस साल iPhone 16e को सिंगल कैमरा के साथ लॉन्च किया और अब सितंबर में iPhone 17 Air भी सिंगल रियर लेंस के साथ आने वाला है.
सेंसर की क्वालिटी बनी प्राथमिकता
Omdia की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 58 प्रतिशत स्मार्टफोन्स में 50 मेगापिक्सल कैमरा सेंसर दिया गया. वहीं, 100MP से ज्यादा कैमरा वाले डिवाइसेज की हिस्सेदारी सिर्फ 9% रही. यानी कंपनियां अब ज्यादा मेगापिक्सल की बजाय बेहतर सॉफ्टवेयर प्रोसेसिंग और क्वालिटी ऑप्टिक्स पर ध्यान दे रही हैं. 5 साल पहले जहां 15MP से कम कैमरा वाले स्मार्टफोन्स का बोलबाला था (50% से ज्यादा हिस्सेदारी), आज ये आंकड़ा सिर्फ 12% तक सिमट गया है.
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