नए साल से पहले क्यों लुड़क गए चांदी के दाम? एक ही झटके में 24 हजार की गिरावट

    Silver Rate Today: सोमवार को चांदी के बाजार में निवेशकों को जबरदस्त अस्थिरता का सामना करना पड़ा. सुबह के सत्र में जहां चांदी ने इतिहास रचते हुए नई ऊंचाई छू ली, वहीं दोपहर होते-होते मुनाफावसूली ने इसकी चमक फीकी कर दी.

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    Silver Rate Today: सोमवार को चांदी के बाजार में निवेशकों को जबरदस्त अस्थिरता का सामना करना पड़ा. सुबह के सत्र में जहां चांदी ने इतिहास रचते हुए नई ऊंचाई छू ली, वहीं दोपहर होते-होते मुनाफावसूली ने इसकी चमक फीकी कर दी. वायदा बाजार में कीमतों में आई तेज गिरावट ने ट्रेडर्स को चौंका दिया, हालांकि सर्राफा बाजार पर इसका असर फिलहाल सीमित रहा.

    सोमवार सुबह वायदा कारोबार में चांदी के भाव 2,54,174 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. लेकिन जैसे ही निवेशकों ने मुनाफा काटना शुरू किया, कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली. कुछ ही घंटों में चांदी करीब 24,474 रुपये लुढ़ककर 2,29,700 रुपये प्रति किलोग्राम के निचले स्तर तक आ गई.

    सर्राफा बाजार में उलटा रुख, कीमतों में मजबूती

    जहां वायदा बाजार में गिरावट हावी रही, वहीं हाजिर यानी सर्राफा बाजार में चांदी ने मजबूती दिखाई. लगातार खरीदारी के चलते राष्ट्रीय राजधानी में चांदी की कीमत 3,650 रुपये बढ़कर 2,40,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई. इससे पहले शुक्रवार को चांदी का भाव 2,36,350 रुपये प्रति किलोग्राम रहा था.

    साल भर में निवेशकों को मिला जबरदस्त रिटर्न

    विश्लेषकों के मुताबिक, इस साल अब तक चांदी की हाजिर कीमतों में करीब 1,50,300 रुपये का उछाल आ चुका है. इस दौरान निवेशकों को लगभग 170 प्रतिशत तक का मुनाफा मिला है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजारों में आई कमजोरी का असर आने वाले दिनों में घरेलू वायदा कारोबार पर भी पड़ सकता है.

    अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्यों टूटी चांदी की रफ्तार

    वैश्विक स्तर पर भी चांदी की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई. मार्च 2026 डिलीवरी वाले चांदी के कॉन्ट्रैक्ट में बड़ी कमजोरी आई. कॉमेक्स बाजार में चांदी 3.49 डॉलर यानी 4.51 प्रतिशत टूटकर 73.71 डॉलर प्रति औंस पर आ गई. इससे पहले यह 82.67 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुकी थी.

    एक्सचेंज के फैसले से बढ़ी मुनाफावसूली

    विशेषज्ञों के अनुसार, कीमतों में आई इस गिरावट के पीछे एक बड़ी वजह इंटरनेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज का फैसला रहा. एक्सचेंज ने प्रति अनुबंध मार्जिन को 20 हजार डॉलर से बढ़ाकर 25 हजार डॉलर कर दिया, जिससे निवेशकों पर दबाव बढ़ा और उन्होंने तेजी से मुनाफा निकालना शुरू कर दिया.

    2026 में चांदी सस्ती होगी या और महंगी?

    भविष्य को लेकर भी चांदी के बाजार में चर्चाएं तेज हैं. दुनिया का सबसे बड़ा चांदी उत्पादक देश चीन वर्ष 1 जनवरी 2026 से इसके निर्यात पर सख्त नियम लागू करने की तैयारी में है. अगर निर्यात लाइसेंस से जुड़े नियम सख्त हुए, तो वैश्विक बाजार में चांदी की आपूर्ति घट सकती है. इससे दुनिया भर में इसकी कमी पैदा होने और कीमतों में और तेज उछाल आने की आशंका जताई जा रही है.

    एलन मस्क ने जताई चिंता

    चांदी की लगातार बढ़ती कीमतों पर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी चिंता जाहिर की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि चांदी का महंगा होना अच्छी बात नहीं है, क्योंकि कई अहम औद्योगिक प्रक्रियाओं और तकनीकी उत्पादों में इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.

    डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट बाजार से जुड़े आंकड़ों और विश्लेषकों के अनुमानों पर आधारित है. कमोडिटी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है, इसलिए निवेश से पहले विशेषज्ञ सलाह जरूरी है.

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