Pinaka Long Range Guided Rocket: भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने रक्षा क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. सोमवार, 29 दिसंबर 2025 को ओडिशा के चांदीपुर में स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से ‘पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट’ (LRGR-120) का सफल परीक्षण किया गया. इस परीक्षण ने भारत की आर्टिलरी शक्ति को एक नई पहचान दी है और देश की स्वदेशी मिसाइल तकनीक की ताकत को वैश्विक स्तर पर उजागर किया है.
पिनाका LRGR-120 पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित है और इसका निर्माण पुणे स्थित ‘आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट’ (ARDE) द्वारा किया गया है. नई रॉकेट प्रणाली की सबसे बड़ी खासियत इसकी 120 किलोमीटर तक की मारक क्षमता है, जो इसे पुराने पिनाका संस्करणों की तुलना में कई गुना अधिक शक्तिशाली बनाती है.
The maiden flight test of Pinaka Long Range Guided Rocket (LRGR 120) was conducted successfully at ITR, Chandipur today.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) December 29, 2025
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh has congratulated @DRDO_India and other stakeholders on this achievement. pic.twitter.com/SAIL8jj8KI
परीक्षण की जानकारी
परीक्षण के दौरान रॉकेट ने अपनी अधिकतम दूरी तय की और निर्धारित लक्ष्य को पूरी सटीकता से ध्वस्त कर दिया. उड़ान के दौरान रॉकेट के इन-फ्लाइट मूवमेंट और नेविगेशन सिस्टम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. चांदीपुर टेस्ट रेंज के रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम ने उड़ान के हर पल की निगरानी की, जिससे इसकी सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हुई. यह परीक्षण विशेष रूप से भारतीय सेना की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया.
पिनाका LRGR-120 की मुख्य विशेषताएं
सटीक निशाना: गाइडेड सिस्टम होने के कारण रॉकेट पिन-पॉइंट सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकता है.
लंबी दूरी: 120 किलोमीटर तक की मारक क्षमता इसे दुश्मन के दूरस्थ ठिकानों पर प्रभावी बनाती है.
स्वदेशी तकनीक: इसे ARDE द्वारा पूरी तरह भारतीय तकनीक के साथ विकसित किया गया है.
आसान लॉन्चिंग: पुराने पिनाका लॉन्चर से भी इसे आसानी से दागा जा सकता है.
हाइब्रिड नेविगेशन: उन्नत नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम की मदद से रॉकेट की उड़ान नियंत्रित होती है.
रणनीतिक महत्व
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता को भारतीय सेना के लिए “गेम चेंजर” करार दिया है. उन्होंने कहा कि लंबी दूरी वाले गाइडेड रॉकेट से भारतीय सेना की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. पुराने पिनाका रॉकेट की रेंज 40 से 75 किलोमीटर तक थी, जबकि LRGR-120 की 120 किलोमीटर तक की रेंज के कारण एलएसी (LAC) और एलओसी (LoC) पर भारत की स्थिति और मजबूत होगी. इस रॉकेट के माध्यम से दुश्मन के बंकर, रडार स्टेशन और सैन्य जमावड़े को दूर से ही नष्ट किया जा सकता है.
उत्पादन और भविष्य
DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने इस उपलब्धि पर पूरी टीम को बधाई दी और बताया कि इस रॉकेट का उत्पादन जल्द ही शुरू किया जाएगा. यह प्रणाली आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक पर आधारित है. विशेषज्ञों का मानना है कि पिनाका LRGR-120 की आने से भारत की विदेशी मिसाइल प्रणालियों पर निर्भरता कम होगी. आने वाले समय में इसके और अधिक उन्नत संस्करणों का परीक्षण किया जा सकता है, जिससे भारत की रक्षा तैयारियों को नई दिशा मिलेगी.
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
पिनाका LRGR-120 की सटीक मारक क्षमता और लंबी दूरी इसे दुनिया के बेहतरीन रॉकेट सिस्टम की कतार में खड़ा करती है. DRDO का यह कदम न केवल भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाता है, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में देश की साख को भी मजबूत करेगा. इस सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत ने स्वदेशी तकनीक और उन्नत हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में खुद को एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर लिया है.
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