शशि थरूर ने ब्राजील में पाकिस्तान की बखिया उधेड़ी, आतंकियों को पनाह देने पर खूब लताड़ा, कहा - इतनी आसानी से खत्म नहीं..

    ब्राजील में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए शशि थरूर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “समस्या भाषा की नहीं है, बल्कि सोच और नज़रिए की है. भारत और पाकिस्तान के बीच सभ्यता, शांति और सुरक्षा का कोई साझा दृष्टिकोण नहीं है.”

    shashi tharoor flashed pakistan in brazil over terrorism
    File Image Source ANI

    Shashi Tharoor on Pakistan: भारत-पाकिस्तान संबंधों पर अक्सर भावनाओं और राजनीति की परतें चढ़ जाती हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बेहद साफ और व्यावहारिक रुख सामने रखा है. ब्राजील दौरे पर गए थरूर ने साफ कहा है कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने में कोई आपत्ति नहीं है शर्त बस इतनी है कि पहले वो अपने घर में पल रहे आतंक के ढांचे को खत्म करे.

    बात भाषा की नहीं, सोच की है

    ब्राजील में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए शशि थरूर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “समस्या भाषा की नहीं है, बल्कि सोच और नज़रिए की है. भारत और पाकिस्तान के बीच सभ्यता, शांति और सुरक्षा का कोई साझा दृष्टिकोण नहीं है.” थरूर का इशारा पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठनों और उनके खिलाफ की जा रही कमजोर कार्रवाई की तरफ था. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर पाकिस्तान वास्तव में बातचीत चाहता है, तो उसे सबसे पहले अपने देश से आतंकवाद का सफाया करना होगा.

    दुनिया को बताया भारत का पक्ष

    थरूर ने बताया कि उनके नेतृत्व में गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने लैटिन अमेरिकी देशों तक यह स्पष्ट संदेश पहुंचाया कि भारत आतंकवाद को लेकर कोई समझौता नहीं करता. उन्होंने कहा कि कुछ देशों में पाकिस्तान को लेकर भ्रम हो सकता है, लेकिन भारत ने वहां भी अपनी बात मजबूती से रखी है.

    "अगर मासूम हो, तो पनाह क्यों?"

    थरूर ने पाकिस्तान की कथनी और करनी के बीच के अंतर पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान इतना ही मासूम है, जितना दावा करता है, तो फिर आतंकवादियों को शरण क्यों देता है? वे खुलेआम ट्रेनिंग कैंप चला रहे हैं, हथियारबंद हो रहे हैं और कट्टरपंथ फैला रहे हैं. ये सब उसकी जानकारी और मंजूरी के बिना संभव नहीं.”

    "वे हमें कमजोर करना चाहते हैं"

    थरूर ने कहा, 'हम उनसे हिंदुस्तानी में बात कर सकते हैं. हम उनसे पंजाबी में बात कर सकते हैं. हम उनसे अंग्रेजी में बात कर सकते हैं. पाकिस्तान के साथ साझा आधार तलाशने में कोई समस्या नहीं है. समस्या सभ्यता और शांति के लिए साझा दृष्टिकोण तलाशने की है. हम शांति चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं. लेकिन वे हमें अकेला नहीं छोड़ना चाहते हैं. वे हमें परेशान करना चाहते हैं. वे हमें कमजोर करना चाहते हैं. वे भारत को हजारों जख्म देकर खत्म करना चाहते हैं, लेकिन वे इतनी आसानी से खत्म नहीं कर पाएंगे. बेहतर होगा कि वे इस विचार को भूल जाएं.'

    "चार देशों में हमें बहुत स्पष्ट सफलता मिली"

    थरूर ने कहा कि उनका प्रतिनिधिमंडल अब तक चार देशों- गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील की यात्रा कर चुका है और हम जिन देशों में गए हैं, वहां यह बात बहुत स्पष्ट रही है. उन्होंने कोलंबिया का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं कहूंगा कि सभी चार देशों में हमें बहुत स्पष्ट सफलता मिली है, अगर यही शब्द है तो मैं सफलता का बखान करना पसंद नहीं करता. इसका फैसला दूसरों को करना है. लेकिन हमने अपना संदेश बहुत स्पष्ट रूप से पहुंचा दिया है, यहां तक ​​कि उन तक भी जिन्हें कुछ गलतफहमी हो सकती है.'

    थरूर ने कहा कि कोलंबिया ने पहलगाम हमले के जवाब में भारत के सैन्य हमलों के बाद जानमाल के नुकसान पर पाकिस्तान के प्रति संवेदना व्यक्त करने वाला बयान वापस ले लिया है. उन्होंने कहा, 'अपना संदेश पहुंचाने के परिणामस्वरूप मेरे विचार से हम यह महसूस करते हुए वापस आ पाए हैं कि ये देश हमारी स्थिति को बेहतर ढंग से समझते हैं और आतंकवाद के खिलाफ हमारे संघर्ष के साथ पूर्ण एकजुटता व्यक्त करते हैं, जो हमारी यात्रा का मुख्य उद्देश्य है.'

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