ऑपरेशन सिंदूर के तहत जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, तब पूरे देश में भारत की सैन्य ताकत की सराहना हो रही थी. वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी अपने विवादास्पद बयानों और अजीबोगरीब हरकतों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. पहले उन्होंने भारत और भारतीय सेना पर निशाना साधा, फिर जब 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा हुई, तो अफरीदी ने इसे पाकिस्तान की "जीत" बताते हुए विजय यात्रा तक निकाल दी जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब फजीहत हुई.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद अफरीदी का बयानबाज़ी का सिलसिला
जब भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों पर सटीक प्रहार कर आतंक के नेटवर्क को तोड़ा, पाकिस्तान की ओर से बौखलाहट में नागरिक इलाकों पर ड्रोन से हमला किया गया. लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को नाकाम कर दिया. इसी तनाव के बीच शाहिद अफरीदी ने बिना सोचे-समझे भारतीय सेना पर निशाना साधा. और जब सीजफायर लागू हुआ, तो उन्होंने जश्न मनाते हुए एक ‘विजयी रैली’ भी निकाली, जिसे लेकर न सिर्फ भारत में, बल्कि पाकिस्तान के कई लोग भी उनकी सोच और समय की नासमझी पर सवाल उठाने लगे.
भारत को बताया तरक्की में रोड़ा
हाल ही में एक पाकिस्तानी चैनल को दिए इंटरव्यू में अफरीदी ने एक और बयान दिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारत खुद तरक्की कर रहा है और हम उनकी तरक्की पर खुश रहते हैं. लेकिन जब हम आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, तो हमें रोका जाता है. क्या पड़ोसी ऐसे होते हैं? अफरीदी की यह टिप्पणी न केवल तथ्यों से परे है, बल्कि यह भी दिखाती है कि वह अपनी देश की आंतरिक समस्याओं और खेल प्रशासनों की खामियों को नजरअंदाज कर रहे हैं.
अपने ही देश की हकीकत से आंख मूंदे बैठे हैं अफरीदी
शाहिद अफरीदी शायद ये भूल जाते हैं कि पाकिस्तान क्रिकेट की गिरती साख के पीछे भारत नहीं, बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की राजनीतिक अस्थिरता और लगातार होते बदलाव जिम्मेदार हैं. हर कुछ महीनों में PCB चेयरमैन बदल दिया जाता है, कोच और कप्तान की अदला-बदली आम बात हो चुकी है. अफरीदी का ये रवैया उनके पूर्व क्रिकेटर होने की गरिमा के बिल्कुल विपरीत नजर आता है. उनके बयान, बार-बार पाकिस्तान को शिकार दिखाने की कोशिश करते हैं, जबकि समस्या की जड़ उनके ही सिस्टम में है.
शहीद आतंकवादी निकला अफरीदी का रिश्तेदार
शाहिद अफरीदी का नाम विवादों से पुराना नाता रखता है. 2003 में उनके चचेरे भाई शाकिब की जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी. शाकिब, आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार का बटालियन कमांडर बताया गया था. बीएसएफ द्वारा जारी दस्तावेज़ों में यह पुष्टि हुई थी कि शाकिब के पास से शाहिद अफरीदी से जुड़े कागजात मिले थे, हालांकि अफरीदी ने इस रिश्ते को हमेशा नकारा. इस घटना के बाद भी वह कई बार भारत विरोधी बयान देकर चर्चा में बने रहते हैं.
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