First Made in India Chip: भारत ने सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार किया है, जब देश का पहला स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर 'विक्रम' लॉन्च किया गया. दिल्ली में आयोजित सेमिकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह चिप भेंट की. आईएसआरओ की सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी में विकसित यह चिप न केवल अंतरिक्ष मिशनों के लिए डिजाइन की गई है, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है. इस उपलब्धि से देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी.
"डिजिटल डायमंड है चिप"
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे तेल को ब्लैक गोल्ड कहा जाता है, वैसे ही सेमीकंडक्टर चिप डिजिटल डायमंड है. 21वीं सदी की तरक्की इन्हीं चिप्स पर आधारित है. एक छोटा-सा चिप आने वाले समय में बड़ी प्रगति और नवाचार लेकर आएगा. आज पूरी दुनिया भारत पर भरोसा जता रही है और सेमीकंडक्टर का भविष्य भारत के साथ मिलकर बनाने के लिए तैयार है. उन्होंने आगे कहा, जब दुनिया की अर्थव्यवस्था कई तरह की चिंताओं और आर्थिक स्वार्थ से जुड़ी चुनौतियों से जूझ रही है, तब भी भारत ने इस साल की पहली तिमाही में 7.8% की ग्रोथ रेट दर्ज की है. यह विकास मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, कृषि और निर्माण जैसे हर सेक्टर में साफ दिखाई दे रहा है.
"यह भविष्य में भारत की सबसे बड़ी पहचान बनेगी"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत अब बैकएंड की भूमिका से आगे बढ़कर एक फुल-स्टैक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. हम सभी निवेशकों का खुले दिल से स्वागत करते हैं. वो दिन दूर नहीं जब पूरी दुनिया कहेगी- डिजाइन्ड इन इंडिया, मेड इन इंडिया और ट्रस्टेड बाय वर्ल्ड. यही भविष्य में भारत की सबसे बड़ी पहचान बनेगी.
विक्रम चिप: भारत का पहला स्वदेशी 32-बिट प्रोसेसर
विक्रम 32-बिट प्रोसेसर (VIKRAM3201) को आईएसआरओ के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर और चंडीगढ़ की सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी (SCL) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. यह चिप लॉन्च वाहनों की कठोर परिस्थितियों जैसे -55 डिग्री सेल्सियस से 125 डिग्री सेल्सियस तापमान, विकिरण और कंपन को सहन करने के लिए डिजाइन की गई है. इसमें कस्टम इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर, एडा प्रोग्रामिंग भाषा का समर्थन और फ्लोटिंग-पॉइंट कम्प्यूटेशन यूनिट जैसी विशेषताएं हैं, जो जटिल गणनाओं जैसे ट्रैजेक्टरी प्लानिंग और सेंसर डेटा विश्लेषण के लिए उपयुक्त हैं. यह चिप पहले के 16-बिट VIKRAM1601 का उन्नत संस्करण है और PSLV-C60 मिशन में सफलतापूर्वक परीक्षणित हो चुकी है. साथ ही, चार अन्य अनुमोदित प्रोजेक्ट्स के टेस्ट चिप्स भी प्रस्तुत किए गए, जो छात्रों द्वारा डिजाइन किए गए 28 चिप्स के साथ मोहाली के सेमीकंडक्टर हब में पैकेज्ड हुए हैं.
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की सफलता की कहानी
कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता से शुरू हुए 'इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन' ने केवल 3.5 वर्षों में भारत को वैश्विक पटल पर चमकाया है. इस मिशन के तहत 10 प्रमुख प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें हाई-वॉल्यूम फैब्रिकेशन यूनिट्स, 3D हेटेरोजीनियस पैकेजिंग, कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स और OSAT शामिल हैं. इनमें 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश छह राज्यों में हो रहा है. डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत 23 स्टार्टअप्स को समर्थन दिया गया है, जबकि 280 शैक्षणिक संस्थानों और 72 स्टार्टअप्स को उन्नत टूल्स प्रदान किए गए हैं. मंत्री वैष्णव ने कहा कि पांच सेमीकंडक्टर यूनिट्स का निर्माण तेजी से चल रहा है, जिसमें एक का पायलट लाइन पूरा हो चुका है.
सेमिकॉन इंडिया 2025: वैश्विक मंच पर भारत
2 सितंबर से शुरू हुए सेमिकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया, जो 4 सितंबर तक चलेगा. इस तीन दिवसीय आयोजन में 48 से अधिक देशों से 2,500 प्रतिनिधि, 150 स्पीकर्स, 350 प्रदर्शक और कुल 20,750 से अधिक प्रतिभागी शामिल हैं. सम्मेलन में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन, एडवांस्ड पैकेजिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रिसर्च, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और निवेश अवसरों पर चर्चा होगी. इसमें कंट्री-स्पेसिफिक राउंडटेबल्स, पवेलियन्स और वर्कफोर्स डेवलपमेंट पवेलियन भी शामिल हैं. वैश्विक कंपनियां जैसे एप्लाइड मटेरियल्स, ASML, IBM, इन्फिनियन, लैम रिसर्च, माइक्रॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, SK हाइनिक्स और टोक्यो इलेक्ट्रॉन भाग ले रही हैं. यह आयोजन भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में मजबूत बनाने का प्रयास है.
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