SIR Fraud in Rajasthan: पूरे देश में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान पर इन दिनों चर्चाएं तेज़ हैं. इस अभियान के तहत नागरिकों को वोटर लिस्ट से जुड़ी जानकारी अपडेट करने के लिए आवेदन करने की सलाह दी जा रही है. हालांकि, इस प्रक्रिया का फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं और फर्जी तरीके से लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. राजस्थान में ऐसी धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को लेकर पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी है.
साइबर ठगों का नया तरीका
राजस्थान पुलिस के महानिदेशक संजय अग्रवाल ने आम जनता को सतर्क किया है कि साइबर ठग अब सोशल मीडिया और एसएमएस के माध्यम से फर्जी संदेश भेज रहे हैं. इन संदेशों में दावा किया जा रहा है कि अगर व्यक्ति ने जल्द से जल्द SIR फॉर्म नहीं भरा, तो उनका वोटर कार्ड रद्द कर दिया जाएगा या उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा.
फर्जी लिंक और पैसे की मांग
डीजीपी अग्रवाल के अनुसार, ठग इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए फर्जी लिंक भेजते हैं, जिस पर क्लिक करने के बाद वे नागरिकों से वन टाइम पासवर्ड (OTP) या ‘प्रोसेसिंग फीस’ के नाम पर पैसे मांगते हैं. यह पूरी प्रक्रिया धोखाधड़ी पर आधारित होती है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों की निजी जानकारी चुराना और उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचाना है.
साइबर अपराध से बचने के उपाय
बीएलओ से मिलें: अगर आपको कोई फर्जी कॉल या लिंक मिले, तो उस पर विश्वास न करें. सीधे अपने बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) से संपर्क करके फॉर्म भरें और जमा करें.
केवल आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें: एसआईआर या वोटर कार्ड अपडेट करने के लिए सिर्फ सरकारी डोमेन (जैसे ".gov.in" या "eci.gov.in") का उपयोग करें. याद रखें, एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क है.
गोपनीयता बनाए रखें: निर्वाचन विभाग या कोई भी अधिकारी आपसे फोन या मैसेज पर OTP, आधार नंबर, पैन या बैंक विवरण कभी नहीं मांगेगा. ऐसी जानकारी किसी के साथ साझा न करें.
सुरक्षित URL पहचानें: वेबसाइट पर कोई जानकारी दर्ज करने से पहले सुनिश्चित करें कि URL "HTTPS" से शुरू हो और एड्रेस बार में ताला (लॉक) का आइकन दिखाई दे.
साइबर कैफे सुरक्षा: अगर आप साइबर कैफे में फॉर्म भर रहे हैं, तो काम खत्म होने के बाद ब्राउज़र की हिस्ट्री और कैश डिलीट करें और लॉगआउट जरूर करें. "ऑटो-सेव पासवर्ड" का विकल्प न चुनें.
इस लिंक पर देखें अपना नाम: https://voters.eci.gov.in/searchInSIR/S2UA4DPDF-JK4QWODSE लिंक के द्वारा Electoral Roll 2002/2003 देख सकते है. यह अधिकारिक लिंक है.
ठगी का शिकार हो गए हों तो करें शिकायत
अगर आप साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं या आपके पास इस प्रकार के फर्जी संदेश आए हैं, तो तुरंत अपनी शिकायत निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराएं. इसके अलावा, आप साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in और साइबर हेल्प डेस्क नंबर 9256001930/9257510100 पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
ये भी पढ़ें: राजस्थान की इस जगह को मिली नई पहचान, भजनलाल सरकार ने बदला नाम, अधिसूचना हुई जारी