S-400 या R-37... रूस के किस मिसाइल ने अमेरिका के F-16 को पछाड़ा? कांपने लगा पाकिस्तान!

    रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक बड़ा मोड़ तब आया जब रूस ने दावा किया कि उसने अमेरिका द्वारा दिए गए एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया है.

    S400 R37 Russian missile defeated America F16 Pakistan
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक बड़ा मोड़ तब आया जब रूस ने दावा किया कि उसने अमेरिका द्वारा दिए गए एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया है. यह पहली बार है जब रूस ने किसी एफ-16 जेट को गिराने का दावा किया है. हालांकि रूस ने यह नहीं बताया कि यह घटना कहां घटी, लेकिन इससे साफ है कि यूक्रेन के आसमान में अब और ज्यादा खतरा मंडरा रहा है.

    इससे बच पाना बेहद मुश्किल

    बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेनी सेना के सूत्रों ने शुरुआती जांच में पाया है कि यह हमला या तो रूस के सबसे ताकतवर एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम से किया गया या फिर लंबी दूरी तक मार करने वाली R-37M मिसाइल से. इस हमले में पायलट समय रहते इजेक्ट करने में कामयाब रहा और उसकी जान बच गई. इस साल यानी 2025 की शुरुआत में हुई इस घटना ने यह साबित कर दिया कि अमेरिका या पश्चिमी देशों के आधुनिक फाइटर जेट भी रूस की मिसाइलों से सुरक्षित नहीं हैं.

    एफ-16 को अमेरिकी वायुसेना का गर्व माना जाता है और दुनिया के कई युद्धों में इसने अपनी ताकत दिखाई है. नाटो देशों से मिले 20 एफ-16 जेट के जरिए यूक्रेन को उम्मीद थी कि उनकी हवाई ताकत काफी बढ़ जाएगी, लेकिन रूस के शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया. एस-400 सिस्टम 400 किलोमीटर दूर तक किसी भी फाइटर जेट को पहचान कर उसे तबाह करने में सक्षम है. इसमें मौजूद हाई-टेक रडार यूक्रेन की वायुसेना के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है. वहीं R-37M मिसाइल हवा से हवा में 200 किलोमीटर तक मार कर सकती है और मैक 6 की रफ्तार से हमला करती है, जिससे बच पाना बेहद मुश्किल हो जाता है.

    पाकिस्तान की भी चिंता बढ़ी

    रूस की इस सफलता का असर सिर्फ यूक्रेन पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि भारत के पड़ोसी पाकिस्तान की भी चिंता बढ़ गई है. पाकिस्तान के पास करीब 85 एफ-16 फाइटर जेट हैं और उसने बालाकोट हमले के बाद इनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया था. लेकिन भारत के पास भी अब रूस से खरीदा गया एस-400 सिस्टम है, जिसकी तैनाती चंडीगढ़ और गुजरात जैसे पाकिस्तान से सटे इलाकों में की गई है. इसकी रेंज इतनी ज्यादा है कि यह पाकिस्तान के एफ-16 जेट को उड़ान भरने से पहले ही निशाना बना सकता है.

    इतना ही नहीं, भारत रूस के साथ मिलकर R-37M मिसाइल बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है. यह मिसाइल भारत के राफेल और सुखोई जैसे फाइटर जेट में लगाई जा सकती है, जिससे भारत की हवाई ताकत और भी ज्यादा मजबूत हो जाएगी. पाकिस्तान इस संभावित जोड़ी से पहले ही डरा हुआ है क्योंकि इससे भारत को एयरस्पेस में भारी बढ़त मिल सकती है.

    रूस का एफ-16 को गिराना यह दिखाता है कि उसके पास ऐसी टेक्नोलॉजी है जो पश्चिमी देशों के सबसे आधुनिक फाइटर जेट को भी बेअसर कर सकती है. इससे जहां यूक्रेन को रणनीतिक झटका लगा है, वहीं पाकिस्तान जैसे देशों के लिए भी यह एक चेतावनी है कि सिर्फ अमेरिकी हथियारों के भरोसे युद्ध नहीं जीता जा सकता. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रूस की यह सैन्य बढ़त यूक्रेन युद्ध को एक नया मोड़ देती है या नहीं.

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