भारत–रूस रिश्तों में एक नया अध्याय तब जुड़ गया, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को भारत पहुंचे और दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं जाकर उनका स्वागत किया. यह वो दृश्य था, जिसे देखकर दुनिया भर की मीडिया की नज़रें भारत पर टिक गईं. आमतौर पर किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का स्वागत केंद्रीय मंत्री करते हैं, लेकिन इस बार पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल से ऊपर उठकर एक मित्रतापूर्ण और ऐतिहासिक संदेश दिया.
मोदी के गर्मजोशी भरे आलिंगन और दोनों नेताओं का एक ही कार में साथ रवाना होना इन तस्वीरों ने भारत–रूस की दोस्ती का एक नया प्रतीक गढ़ दिया. इतना ही नहीं, क्रेमलिन ने भी कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पीएम खुद एयरपोर्ट आएंगे, क्योंकि भारतीय पक्ष ने पहले इसकी जानकारी नहीं दी थी.
रूसी मीडिया की नज़र, अनौपचारिक मुलाकात में बड़ी बातें
रूस की प्रमुख एजेंसी TASS ने रिपोर्ट किया कि एयरपोर्ट से निकलने के बाद दोनों नेता सीधे प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, जहां लंबे समय तक अनौपचारिक बातचीत हुई.रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उशाकोव ने कहा कि यह मुलाकात दौरे का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रही, क्योंकि इस तरह की वन-टू-वन बातचीत में ही आमतौर पर सबसे संवेदनशील और रणनीतिक मुद्दों पर गहराई से चर्चा होती है.
न्यूयॉर्क टाइम्स: ‘लिमोज़िन डिप्लोमेसी’ की वापसी
न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस दृश्य को दोनों नेताओं के मजबूत निजी रिश्ते का विस्तार बताया. अख़बार ने उसी क्षण का जिक्र किया, जब पुतिन विमान से उतरे और पीएम मोदी ने उनसे हाथ मिलाकर गले लगाया.रिपोर्ट में "लिमोज़िन डिप्लोमेसी" का भी जिक्र किया गया, जो सितंबर में चीन के तियानजिन में हुई मुलाकात की याद दिलाता है. तब पुतिन ने मोदी को अपनी लिमोज़िन में घुमाया था, और इस बार दिल्ली एयरपोर्ट पर दोनों एक ही कार में साथ बैठे.
अल जज़ीरा: पुतिन को मिले स्वागत का वैश्विक संदेश
कतर के प्रमुख नेटवर्क अल जज़ीरा ने इस मुलाकात को "व्यक्तिगत संबंधों का प्रतीक" बताया. रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया कि यह गर्मजोशी भरा स्वागत पश्चिम को भी संकेत देता है कि पुतिन वैश्विक स्तर पर अलग-थलग नहीं हैं.अल जज़ीरा ने बताया कि यह भी साफ संदेश है कि पीएम मोदी अमेरिका या डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में नहीं झुकने वाले नेता हैं, खासकर रूस से तेल आयात को लेकर.
DW: ‘दोस्ती और रणनीति’ दोनों की झलक
जर्मन मीडिया नेटवर्क DW ने लिखा कि पुतिन ने मोदी को अपना दोस्त कहा और भारत पहुंचकर बेहद खुश होने की बात कही. रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों नेताओं ने रनवे पर खड़ी लिमोज़िन में साथ बैठकर बातचीत की.DW के अनुसार यह यात्रा उन कई क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए अहम है, जिनमें रक्षा, ऊर्जा, और तकनीक शामिल हैं.
खलीज टाइम्स: अमेरिका के दबाव के बीच भारत का स्पष्ट संदेश
UAE के खलीज टाइम्स ने लिखा कि अमेरिका के तेल आयात पर दबाव के बावजूद पीएम मोदी का एयरपोर्ट जाकर पुतिन का स्वागत करना एक शक्तिशाली कूटनीतिक संकेत है. उनके अनुसार, रेड कार्पेट पर दोनों का आलिंगन और एक कार में साथ बैठना दुनिया को बताता है कि भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर अडिग है.
यात्रा के रणनीतिक मायने
यह पुतिन की यूक्रेन युद्ध के बाद पहली भारत यात्रा है. उनके साथ रूस के नए रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉफ भी आए हैं. रिपोर्ट्स में संभावित रक्षा समझौतों—जैसे लड़ाकू विमानों और वायु रक्षा प्रणालियों—पर चर्चा की बात कही जा रही है.
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