प्योंगयांग: रूस ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को कड़ी चेतावनी दी है, जिसमें उसने इन देशों से कहा है कि वे उत्तर कोरिया के खिलाफ सैन्य गठबंधन और अभ्यासों का विस्तार करने से बचें. यह बयान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के उत्तर कोरिया यात्रा के बाद सामने आया है, जहां उन्होंने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की और दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने की बात की.
रूस का कड़ा बयान
रूस ने संयुक्त सुरक्षा अभ्यासों और सैन्य तैनाती के खिलाफ अपनी चिंता जाहिर की है, जो अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान द्वारा उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम के जवाब में किए जा रहे हैं. लावरोव ने कहा, "हम इस तरह के गठबंधनों को उत्तर कोरिया और रूस के खिलाफ इस्तेमाल करने की चेतावनी देते हैं." उनका यह बयान तब आया है जब 11 जुलाई को तीनों देशों ने कोरियाई प्रायद्वीप के पास एक संयुक्त हवाई अभ्यास किया था, जिसमें अमेरिकी बमवर्षक भी शामिल थे.
परमाणु कार्यक्रम को लेकर रूस का समर्थन
रूस ने उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम को समझते हुए इसे उसकी सुरक्षा की आवश्यकता करार दिया. लावरोव ने स्पष्ट रूप से कहा कि रूस उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों के निर्माण के फैसले का समर्थन करता है. उनका कहना था कि "उत्तर कोरिया के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई तकनीकें उनके अपने प्रयासों का नतीजा हैं और रूस इन प्रयासों का सम्मान करता है."
इसके अलावा, लावरोव ने यह भी कहा कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच भाईचारे और रिश्ते ऐसे हैं, जिन्हें कोई भी ताकत खत्म नहीं कर सकती. इस दौरान, किम जोंग उन ने भी राष्ट्रपति पुतिन की ओर से शुभकामनाएं प्राप्त कीं और दोनों देशों के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग को और बढ़ाने के बारे में बात की.
अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया की चिंता
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों, दक्षिण कोरिया और जापान, को रूस और उत्तर कोरिया के बढ़ते संबंधों पर गंभीर चिंता है. इन देशों को डर है कि रूस उत्तर कोरिया को संवेदनशील तकनीक देने के साथ-साथ उसके परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को तेज कर सकता है, जिससे वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है. अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को "क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरे" के रूप में पेश किया है और उत्तर कोरिया से अपील की है कि वह ऐसी गतिविधियां बंद करे जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को संकट में डाल सकती हैं.
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