रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रह गई है. हालिया घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि यह टकराव अब गहराता जा रहा है, और अब रूस के अंदरूनी इलाकों तक इसकी आग पहुंच चुकी है. मंगलवार देर रात और बुधवार सुबह रूस पर एक बड़े पैमाने का ड्रोन हमला हुआ, जिसे देश का अब तक का सबसे बड़ा यूक्रेनी ड्रोन हमला बताया जा रहा है.
मॉस्को एयरपोर्ट्स पर असर, उड़ानें रद्द
रूसी अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने यूक्रेन द्वारा छोड़े गए 112 ड्रोन को अलग-अलग क्षेत्रों में इंटरसेप्ट और तबाह कर दिया. इस हमले की वजह से राजधानी मास्को के व्नुकोवो और झुकोवस्की हवाई अड्डों पर उड़ानों को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा. मास्को के मेयर सर्गेई सोब्यानिन ने बताया कि शहर की ओर आ रहे 12 ड्रोन को समय रहते मार गिराया गया.
छह क्षेत्रों को बनाया गया निशाना
रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस बार हमला कई दिशाओं से किया गया. लगभग 59 ड्रोन ब्रायंस्क क्षेत्र की ओर भेजे गए थे, जबकि अन्य कुर्स्क, बेलगोरोड, तुला, ओर्योल और कालुगा क्षेत्रों को निशाना बनाया गया. यह जवाबी हमला रूस के उस बड़े ड्रोन हमले के बाद हुआ है जो उसने हाल ही में यूक्रेनी क्षेत्रों पर किया था.
यूक्रेन की आक्रामकता ने रूस को चौंकाया
हालांकि रूस यूक्रेनी ड्रोन हमलों की नियमित जानकारी देता रहा है, लेकिन मॉस्को जैसे सुरक्षित माने जाने वाले शहर तक हमला पहुंच जाना रूस के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. इससे पहले ऐसी घटनाएं बहुत कम देखी गई थीं जिनमें राजधानी के हवाई अड्डों को उड़ानों से रोकना पड़ा हो.
शांति वार्ता ठप, तनाव चरम पर
शांति वार्ता की तमाम कोशिशें अब तक बेकार साबित हुई हैं. कुछ समय पहले दोनों देशों के बीच सीज़फायर पर सहमति बनी थी, लेकिन यह महज़ कुछ घंटों तक ही टिक पाया. यूक्रेन का दावा है कि रूस ने सिर्फ तीन दिनों में 900 से ज्यादा ड्रोन दागे हैं. रविवार को हुए हमले में 13 नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल थे.
अमेरिका की कोशिशें नाकाम, ट्रंप की सख्त चेतावनी
इस युद्ध को रोकने की दिशा में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कई प्रयास कर चुके हैं, लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर इनका कोई असर नहीं पड़ा है. इस बीच पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि हालात नहीं बदले तो अमेरिका रूस पर नए प्रतिबंध लगाएगा और यूक्रेन को अधिक सैन्य छूट दी जाएगी. हालांकि, फिलहाल इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
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