पहले गलती की और अब...चीन के साथ Su-35 की डील करके पछता रहे पुतिन!

    रूस दुनिया के सबसे बड़े हथियार निर्यातकों में से एक है. भारत भी रूस से हर साल कई हथियार खरीदता है. इस तरह चीन के साथ भी रूस की एक डील हुई है. जिसपर अब उन्हें पछतावा हो रहा है.

    पहले गलती की और अब...चीन के साथ Su-35 की डील करके पछता रहे पुतिन!
    Image Source: ANI

    रूस दुनिया के सबसे बड़े हथियार बेचने वाले देशों में से एक है और भारत उसका बड़ा ग्राहक है. लेकिन भारत के अलावा रूस चीन और पाकिस्तान को भी हथियार देता है. अब रूस को अपने ही एक फैसले पर पछतावा हो रहा है – और वो है चीन को Sukhoi Su-35 फाइटर जेट बेचना.

    2015 में चीन को बेचे थे 24 Su-35 विमान

    रूस ने 2015 में चीन के साथ 24 Su-35 फाइटर जेट्स बेचने की डील की थी. उस वक्त रूस को लगा था कि इससे उसे आर्थिक और रणनीतिक फायदा होगा. लेकिन अब रूस को लगता है कि उसने ये फैसला करके बड़ी गलती कर दी.

    चीन पर है तकनीक चुराने का शक

    रूस को डर है कि चीन इन फाइटर जेट्स की तकनीक चुरा सकता है. यानी वह जेट्स की तकनीक को समझकर, उसकी नकल कर सकता है और उसी के जैसी तकनीक वाले अपने खुद के फाइटर जेट बना सकता है. चीन इस तकनीक का इस्तेमाल अपने जे-20 और जे-11 जैसे फाइटर प्लेन में कर सकता है और फिर वो हथियार दूसरे देशों को भी बेच सकता है. इससे रूस को बड़ा नुकसान हो सकता है.

    पहले भी कर चुका है ऐसा

    चीन ने पहले भी रूस के Su-27 फाइटर जेट की तकनीक चुराकर अपना J-11 फाइटर जेट तैयार किया था. चीन अक्सर रिवर्स इंजीनियरिंग करता है – यानी किसी भी चीज को खोलकर उसकी तकनीक समझना और फिर वैसा ही खुद बना लेना.

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    रूस के हथियारों की बिक्री पर असर

    अब चीन अपने खुद के बनाए हथियारों को सस्ते दामों में बाजार में बेच रहा है, जिससे रूस के हथियारों की बिक्री पर असर पड़ रहा है. कई देशों ने रूस की बजाय अब चीन या दूसरे देशों से हथियार खरीदने का विकल्प ढूंढना शुरू कर दिया है. कुल मिलाकर, रूस को अब लग रहा है कि चीन को उन्नत फाइटर जेट बेचना उसके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है – क्योंकि चीन तकनीक भी चुरा सकता है और बाजार में मुकाबले के लिए सस्ते हथियार भी बेच सकता है.