Pregnancy Robot: क्या इंसानी प्रजनन का भविष्य अब मशीनों के हाथ में है? विज्ञान की दुनिया में एक ऐसा कदम उठाया जा रहा है, जो न केवल जैविक मातृत्व की पारंपरिक अवधारणा को चुनौती दे रहा है, बल्कि आने वाले वर्षों में संतान उत्पत्ति की पूरी प्रक्रिया को ही बदल सकता है. चीन में एक रोबोटिक गर्भाशय (Artificial Womb) पर काम किया जा रहा है, जिसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह मानव भ्रूण को नौ महीने तक अपने भीतर पाल सके और अंततः उसे जन्म दे सके.
यह अनोखी तकनीक चीन के वैज्ञानिक और एक रोबोटिक्स कंपनी के CEO झांग किफेंग की अगुआई में विकसित की जा रही है. दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया का पहला ऐसा “गर्भावस्था रोबोट” होगा जो न केवल इंसानी शरीर जैसा दिखेगा बल्कि जैविक रूप से गर्भधारण और प्रसव की पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने में सक्षम होगा.
कैसे काम करेगा यह रोबोटिक गर्भाशय?
इस रोबोट के अंदर एक अत्याधुनिक कृत्रिम यूट्रस (Artificial Uterus) लगाया गया है. इस यूट्रस में भ्रूण को एक विशेष तरल, एमनियोटिक फ्लूड में रखा जाएगा, जिसमें वह सुरक्षित ढंग से विकसित होगा. पोषक तत्व और आवश्यक हार्मोन्स एक विशेष प्रणाली के ज़रिए भ्रूण तक पहुंचाए जाएंगे, जैसे कि प्राकृतिक गर्भाशय में होता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह रोबोट संपूर्ण 9 से 10 महीने तक भ्रूण को सुरक्षित रख सकता है और बाद में उसे जन्म भी दे सकता है.
तकनीक या नैतिकता की चुनौती?
इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है. जहां एक वर्ग इसे बांझपन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान मान रहा है, वहीं कई लोगों का मानना है कि यह तकनीक मानवता और प्रकृति के मूल नियमों के खिलाफ है. आलोचकों का कहना है कि बच्चे को मां के गर्भ से अलग कर देना केवल शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक रिश्तों को भी प्रभावित कर सकता है.
क्या है कीमत और उपलब्धता?
झांग किफेंग की टीम इस रोबोट को बाजार में लगभग 1 लाख युआन (करीब ₹11.5 लाख या $14,000) में लाने की योजना बना रही है. फिलहाल यह तकनीक विकास के अंतिम चरण में है, और पूरी दुनिया की नजरें इस पर टिकी हुई हैं.
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