बीजिंगः सोचिए एक ऐसा क्लासरूम जहां आपकी बगल की सीट पर कोई इंसान नहीं, बल्कि एक रोबोट बैठा हो. वो होमवर्क करता है, टीचर के सवालों के जवाब देता है, एग्जाम में टॉप करता है और फिर ग्रेजुएशन सेरेमनी में मंच पर चढ़कर डिप्लोमा लेता है. यह कोई साइंस फिक्शन फिल्म नहीं, बल्कि चीन में हाल ही में हुआ एक असली वाकया है.
दरअसल, चीन में एक ह्यूमनॉइड रोबोट ने हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी कर आधिकारिक तौर पर डिप्लोमा हासिल किया है. वो बाकायदा ग्रेजुएशन सेरेमनी में शामिल हुआ, डिग्री ली और कैमरों के सामने मुस्कराता भी दिखा. इसने पूरी दुनिया को चौंका दिया है—क्योंकि ये पहली बार है जब कोई मशीन, इंसानों जैसी शैक्षणिक प्रक्रिया से गुजरकर पढ़ाई पूरी करने का दावा कर रही है.
स्कूल नहीं छोड़ा, सीधा डिप्लोमा लेकर निकला
इस रोबोट को सिर्फ क्लास में बिठा देना ही मकसद नहीं था. इसे खासतौर पर इस तरह प्रोग्राम किया गया कि ये इंसानों जैसी सोच, समझ और सीखने की क्षमता विकसित कर सके. पढ़ाई के दौरान इसने वही सब किया जो एक आम छात्र करता है—सिलेबस पढ़ा, असाइनमेंट बनाए, प्रोजेक्ट सबमिट किए, और परीक्षाएं दीं. और रिजल्ट? उम्मीद से बढ़कर. इस रोबोट ने टेस्ट में ऐसे नंबर हासिल किए कि स्कूल प्रशासन को कहना पड़ा—"हां, इसे डिप्लोमा देना बनता है."
सोशल मीडिया पर बवाल
जैसे ही इसकी ग्रेजुएशन सेरेमनी की तस्वीरें वायरल हुईं, इंटरनेट पर बहस छिड़ गई. एक वर्ग का मानना है कि ये टेक्नोलॉजी के अगले पड़ाव का संकेत है—ऐसी मशीनें जो न सिर्फ सोच सकती हैं बल्कि समाज का हिस्सा भी बन सकती हैं. वहीं कुछ लोग चिंता जता रहे हैं कि क्या अब इंसानी छात्रों का मुकाबला मशीनों से होगा? क्या भविष्य में नौकरियों से पहले स्कूलों में ही रोबोटों की भरमार होगी?
सिर्फ AI नहीं, ये है इंसानों जैसी समझ रखने वाली मशीन
इस रोबोट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डीप न्यूरल नेटवर्क जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से तैयार किया गया है. यह न केवल डेटा प्रोसेस करता है, बल्कि फैसले भी ले सकता है. जैसे-जैसे वह क्लास में सीखता गया, उसकी परफॉर्मेंस बेहतर होती गई. यह ऐसा पहला उदाहरण है जब किसी मशीन को इंसानी छात्रों की तरह अकादमिक मान्यता दी गई हो.
चीन की मंशा क्या है?
चीन लगातार रोबोटिक्स और AI में आगे बढ़ रहा है, और ये रोबोट शायद इसी दिशा का अगला प्रयोग है. सवाल ये भी है कि क्या चीन यह साबित करना चाहता है कि मशीनें अब सिर्फ इंसानों की मददगार नहीं, बल्कि उनके बराबर खड़ी हो सकती हैं? और क्या भविष्य में स्कूल, कॉलेज और यहां तक कि यूनिवर्सिटीज़ में रोबोट स्टूडेंट्स आम नज़ारा बन जाएंगे?
पढ़ाई के बाहर की दुनिया में क्या करेगा ये रोबोट?
अब जब ये रोबोट हाईस्कूल पास हो गया है, अगला सवाल यह है कि क्या ये कॉलेज जाएगा? क्या ये जॉब के लिए अप्लाई करेगा? या सिर्फ एक प्रोजेक्ट बनकर यही थम जाएगा? फिलहाल चीन ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन इतना तय है कि इसकी कामयाबी ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है.
ये भी पढ़ेंः बारिश ने बर्बादी लिखी, पाकिस्तान में हर तरफ हाहाकार; 96 बच्चों समेत 200 से ज्यादा की मौत