बारिश ने बर्बादी लिखी, पाकिस्तान में हर तरफ हाहाकार; 96 बच्चों समेत 200 से ज्यादा की मौत

    जुलाई के शुरुआती हफ्तों में शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने पाकिस्तान के चारों प्रमुख प्रांतों को तहस-नहस कर दिया है.

    Rain wreaks havoc in Pakistan
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    बारिश आमतौर पर सुकून देती है, लेकिन जब ये क़हर बनकर टूटे तो ज़िंदगी तबाही की तस्वीर बन जाती है. पाकिस्तान इस वक्त कुछ ऐसी ही मुसीबत से गुजर रहा है. जुलाई के शुरुआती हफ्तों में शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने पाकिस्तान के चारों प्रमुख प्रांतों को तहस-नहस कर दिया है.

    202 मौतें, 96 मासूम भी शामिल

    अब तक 202 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. सबसे डरावनी बात ये है कि इनमें 96 बच्चे हैं. सोचिए, बारिश सिर्फ़ छतें नहीं गिरा रही, बल्कि परिवार भी तोड़ रही है. पंजाब में हालात सबसे खराब हैं जहां 123 लोगों की जान जा चुकी है.

    खौफ के आंकड़े: कहां कितनी तबाही

    • पंजाब: 123 मौतें
    • खैबर पख्तूनख्वा: 40
    • सिंध: 21
    • बलूचिस्तान: 16
    • इस्लामाबाद और पीओके: 1-1

    इन मौतों की वजह सिर्फ़ पानी नहीं है. अचानक आई बाढ़, जर्जर इमारतों का गिरना, बिजली गिरना, करंट लगना और भूस्खलन—हर हादसा जानलेवा साबित हुआ है. अकेले 118 लोग इमारतों के मलबे में दबकर मारे गए.

    मरियम नवाज़ सरकार ने घोषित की रेन इमरजेंसी

    पंजाब में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि राज्य सरकार को रेन इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी. कई ज़िलों में स्कूल बंद हैं, सड़कों पर नावें चल रही हैं और कई कस्बों का बाकी दुनिया से संपर्क टूट गया है. लाहौर, मुल्तान, सियालकोट जैसे शहरों में प्रशासन दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा है.

    बरसात अभी थमी नहीं है

    नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (NEOC) की चेतावनी और डरावनी लग रही है. अगले कुछ दिनों में, यानी 25 जुलाई तक, बारिश थमेगी नहीं. खासकर 21 से 24 जुलाई तक देश के मध्य और उत्तरी हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है. इसका मतलब है कि अगले कुछ दिन और ज़्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं.

    सिर्फ पानी नहीं, बल्कि भविष्य की चिंता भी

    बाढ़ की वजह से सिर्फ घर ही नहीं बहे हैं, खेत डूब गए हैं, जानवर मर गए हैं, और बुनियादी ढांचा—सड़कें, पुल, अस्पताल तक—जमीनदोज़ हो चुके हैं. सिंध और बलूचिस्तान के कई ग्रामीण इलाकों में बिजली और पीने का पानी भी गायब है.

    संकटग्रस्त इलाके कौन-कौन से हैं?

    रावलपिंडी, लाहौर, सियालकोट, फैसलाबाद, मुल्तान, कोट अड्डू, तौनसा, राजनपुर, बहावलपुर और रहीम यार खान जैसे ज़िलों में हालात बेहद नाजुक हैं. पानी की निकासी का इंतज़ाम न होने से गली-मोहल्लों में नावें उतर आई हैं.

    लोगों को क्या सलाह दी जा रही है?

    • जब तक बहुत ज़रूरी न हो, यात्रा न करें
    • भारी बारिश के वक्त घर से बाहर न निकलें
    • प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
    • नदी-नालों के पास जाने से बचें

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