Indigo Roaster Crisis: भारतीय घरेलू विमानन उद्योग में इंडिगो का दबदबा किसी से छिपा नहीं 60% से ज्यादा मार्केट शेयर, सैकड़ों विमान और रोजाना हजारों यात्रियों की आवाजाही. लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह विशाल नेटवर्क मानो अचानक टूट-सा गया है.
शुक्रवार को लगातार चौथे दिन इंडिगो की लगभग 400 उड़ानें रद्द हो गईं. हालत यह है कि दिल्ली से उड़ने वाली सभी 200 फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं. हर तरफ एक ही सवाल है. इतनी बड़ी एयरलाइन में अचानक ऐसा क्या हुआ कि पूरा शेड्यूल ही ध्वस्त हो गया?
पायलटों की कमी ने बिगाड़ा पूरा सिस्टम
सूत्रों और रिपोर्ट्स के मुताबिक, असली संकट पायलट और क्रू की कमी का है. नई ड्यूटी लिमिट के नियम लागू होने के बाद इंडिगो का रोस्टर गड़बड़ा गया. मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे प्रमुख एयरपोर्ट पर इंडिगो का आधा संचालन ठप पड़ गया. रॉयटर्स की रिपोर्ट में साफ कहा गया कि इंडिगो के पास घरेलू बाजार का सबसे बड़ा हिस्सा होते हुए भी वह इस समय भारी परिचालन अव्यवस्था से जूझ रहा है.
10 फरवरी तक स्थिति सामान्य करने का वादा
नियामक संस्था DGCA को इंडिगो ने आश्वासन दिया है कि 10 फरवरी 2026 तक उसका संचालन पूरी तरह सामान्य हो जाएगा. कंपनी ने नियामक से रात की ड्यूटी लिमिट पर अस्थायी राहत मांगी है, क्योंकि उन्हीं प्रावधानों ने मौजूदा पायलटों की उपलब्धता को अचानक सीमित कर दिया.
नए FDTL नियमों ने शुरू किया रोस्टर संकट?
इंडिगो का दावा है कि तकनीकी दिक्कतें, खराब मौसम और 1 नवंबर से लागू नए FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियम इस संकट के पीछे मुख्य वजह हैं. नए नियमों के तहत पायलटों के उड़ान भरने और आराम के घंटों में बड़े बदलाव किए गए हैं. एयरलाइन का कहना है कि अचानक हुए इस बदलाव ने उनके पूरे शेड्यूल और रोस्टर सिस्टम को झटका दिया है.हालांकि बीबीसी की रिपोर्ट बताती है कि अन्य एयरलाइनों पर इसका खास असर नहीं पड़ा, इसलिए इंडिगो का तर्क पूरी तरह स्वीकार्य नहीं माना जा रहा.
क्या हैं ये नए FDTL नियम?
DGCA ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद 1 नवंबर से नया FDTL नियम लागू किया. इसके तहत. पायलटों को हर हफ्ते लगातार 48 घंटे का अनिवार्य आराम मिलेगा.रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच पायलट सिर्फ 2 लैंडिंग कर सकते हैं.क्रू मेंबर को लगातार दो रातों से अधिक की रात की ड्यूटी पर नहीं लगाया जा सकता.इन बदलावों का उद्देश्य पायलटों की थकान कम करना और सुरक्षा बढ़ाना है, लेकिन इंडिगो के मुताबिक इसने उनकी कार्यक्षमता पर भारी असर डाला.
रोस्टर रीसेट करने में लगी पूरी टीम
रोस्टर क्राइसिस इंडिगो के लिए फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती है. एयरलाइन को अपने हजारों पायलटों और क्रू की शिफ्ट्स नए मानकों के मुताबिक फिर से तय करनी पड़ रही हैं. यही वजह है कि इस सप्ताह उसने “संतुलित समायोजन” के नाम पर अपने शेड्यूल में बड़े पैमाने पर कटौती की है.स्थिति कितनी गंभीर है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि इंडिगो ने खुद स्वीकार किया कि संचालन को स्थिर करने में अभी कई दिन और लगेंगे.
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