राजस्थान की बेटियों के लिए खुशखबरी! लाडो प्रोत्साहन योजना में अब मिलेंगे 1.50 लाख रुपये, जानिए कौन कर सकता है आवेदन

    लाडो प्रोत्साहन योजना का मूल उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों में जन्म लेने वाली बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना है. यह योजना बेटियों के जन्म से लेकर उनकी उच्च शिक्षा और 21 वर्ष की आयु तक उनके समग्र विकास में सहायता प्रदान करती है.

    Rajasthan Lado Protsahan Yojana provide 1 50 lakh rupees
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    Lado Protsahan Yojana: बेटियां अब बोझ नहीं, भविष्य हैं. इसी सोच को साकार करने के लिए राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. राज्य में बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उनके शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच को मजबूती देने के उद्देश्य से ‘लाड़ो प्रोत्साहन योजना’ चलाई जा रही है.

    इस योजना को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए राज्य सरकार ने इसमें बड़ा बदलाव किया है. पहले जहां इस योजना के तहत बेटियों के लिए 1 लाख रुपए की सहायता राशि निर्धारित थी, वहीं अब इस राशि को बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए कर दिया गया है. इस फैसले की घोषणा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 12 मार्च 2025 को बजट सत्र के दौरान की थी. यह संशोधित योजना 1 अगस्त 2024 से पूरे राज्य में लागू हो चुकी है.

    क्या है लाड़ो प्रोत्साहन योजना?

    लाडो प्रोत्साहन योजना का मूल उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों में जन्म लेने वाली बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना है. यह योजना बेटियों के जन्म से लेकर उनकी उच्च शिक्षा और 21 वर्ष की आयु तक उनके समग्र विकास में सहायता प्रदान करती है. सरकार द्वारा घोषित यह योजना डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली के तहत संचालित होगी, जिससे योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनी रहे.

    योजना के लिए पात्रता मानदंड

    इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें निर्धारित की गई हैं. बालिका का जन्म राजकीय या JSY मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में होना चाहिए. माता राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए. गर्भवती महिला का ANC रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. बैंक खाता और आवश्यक दस्तावेजों को PCTS पोर्टल पर पंजीकृत करना जरूरी होगा. लाभ की पहली किश्त मां के खाते में दी जाएगी. मां की मृत्यु की स्थिति में यह राशि पिता को और दोनों के न रहने पर अभिभावक को दी जाएगी.

    योजना में क्या है खास?

    यूनिक आईडी की व्यवस्था: प्रत्येक बालिका को जन्म के समय ही PCTS आईडी या यूनिक आईडी जारी की जाएगी, जिससे उसकी निगरानी और लाभ सुनिश्चित किया जा सके.

    शिक्षा को बढ़ावा: योजना के माध्यम से बालिकाओं के विद्यालय में नामांकन, उपस्थिति और शिक्षा को जारी रखने को लेकर बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा.

    बाल विवाह पर रोक: जब तक बालिका 21 वर्ष की नहीं होती और स्नातक उत्तीर्ण नहीं कर लेती, अंतिम किस्त नहीं दी जाएगी. इससे बाल विवाह पर नियंत्रण की दिशा में भी यह योजना अहम भूमिका निभाएगी.

    राजश्री योजना का समावेश: पूर्व में चल रही राजश्री योजना को अब ‘लाड़ो प्रोत्साहन योजना’ में समाहित कर दिया गया है, जिससे योजना का दायरा और लाभ दोनों बढ़ गए हैं.

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