Coaching Center Bill 2025: राजस्थान में कोचिंग सेंटरों की अनियंत्रित वृद्धि और छात्रों के शोषण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. उच्च शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने विधानसभा में ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025’ पेश किया. इस विधेयक के तहत कोचिंग संस्थानों को कई सख्त नियमों का पालन करना होगा. विधेयक पर 21 मार्च को विधानसभा में विस्तृत चर्चा की जाएगी.
विधेयक के मुख्य प्रावधान
पंजीकरण और संचालन: कोचिंग संस्थानों को उचित तरीके से पंजीकरण करना होगा और संचालन के दौरान सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा.
फीस स्ट्रक्चर: कोचिंग सेंटरों को अपनी फीस संरचना को सार्वजनिक करना होगा ताकि छात्रों को पारदर्शी जानकारी मिल सके.
मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं और परामर्श: मानसिक तनाव से बचाव के लिए छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं और करियर काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध करानी होगी.
भ्रामक विज्ञापनों पर रोक: कोचिंग संस्थानों को अपने विज्ञापनों में किसी प्रकार के झूठे या भ्रामक दावे करने से रोका जाएगा.
छात्रों को देनी होगी जानकारी
कोचिंग संस्थान अब छात्रों को नामांकन से पहले पाठ्यक्रम, फीस, सुविधाएं और फीस वापसी नीति की स्पष्ट जानकारी देंगे. इसके अलावा, उन्हें इंजीनियरिंग और मेडिकल के अलावा अन्य करियर विकल्पों के बारे में भी जानकारी देनी होगी ताकि छात्र सही निर्णय ले सकें. विधेयक में छात्रों के शोषण को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं. कोचिंग संस्थानों को छात्रों से उचित और पारदर्शी तरीके से फीस वसूलनी होगी और अगर छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ते हैं तो उन्हें आनुपातिक आधार पर फीस वापस करनी होगी. अगर कोई कोचिंग संस्थान इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और बार-बार उल्लंघन करने पर उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा.
क्यों लाया गया ये विधेयक
राज्य सरकार का कहना है कि इस विधेयक का उद्देश्य कोचिंग संस्थानों के व्यावसायीकरण पर अंकुश लगाना और यह सुनिश्चित करना है कि ये संस्थान छात्रों की भलाई और सफलता को प्राथमिकता देने वाले ढांचे के भीतर काम करें. सरकार का लक्ष्य है कि इन केंद्रों को विनियमित करके एक स्वस्थ और सहायक वातावरण बनाया जाए, जहां छात्र अपनी शैक्षणिक और पेशेवर लक्ष्यों को हासिल कर सकें.