जयपुर: राजस्थान सरकार ने जुलाई में दिल्ली सरकार द्वारा महिलाओं को रात की पारी में काम करने का अधिकार देने के बाद इसी दिशा में बड़ा कदम उठाया है. हाल ही में विधानसभा में पारित हुए ‘कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2025’ के तहत महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई है. यह कदम प्रदेश में महिला श्रमिकों के अधिकारों को मजबूत करने के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र में सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
विधेयक से श्रमिकों को सुरक्षा और रोजगार का अवसर मिलेगा
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया. उन्होंने कहा कि इस संशोधन के बाद श्रमिकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी. हालांकि विधेयक पेश करने के समय सदन में हंगामा हुआ, लेकिन अंततः इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.
महिलाओं के लिए नयी छूट और बेहतर कार्य घंटों का प्रावधान
पूर्व में महिलाओं को रात की पारी में काम करने से रोका जाता था, लेकिन अब विधेयक के तहत महिलाओं को रात के समय भी काम करने की पूरी अनुमति होगी. इसके अलावा, कार्य अवधि में भी बदलाव किया गया है ताकि श्रमिक 6 घंटे तक लगातार और कुल मिलाकर प्रतिदिन साढ़े दस घंटे तक काम कर सकें. यह बदलाव महिला श्रमिकों को और अधिक सशक्त बनाने के प्रयासों का हिस्सा है.
काम के घंटे और ओवरटाइम की सीमा में बढ़ोतरी
इस संशोधन के बाद कारखानों में काम करने के घंटों को भी बढ़ाया गया है. अब श्रमिक प्रति तिमाही 75 घंटे की बजाय 144 घंटे ओवरटाइम कर सकेंगे. इससे न केवल श्रमिकों की आय बढ़ेगी बल्कि उत्पादन क्षमता में भी सुधार होगा.
औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में मिलेगा बढ़ावा
मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि इस विधेयक से महिलाओं की कार्यशक्ति में वृद्धि होगी, जिससे निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा और प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी. इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जो राजस्थान की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सकारात्मक संकेत है.
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