सिर्फ राफेल ही नहीं, इस ड्रोन ने भी पाकिस्तान की नाक पर किया हमला, जान लीजिए खासियत

    ‘कामिकाज़ी ड्रोन’—नाम सुनते ही एक ऐसी मशीन की कल्पना होती है जो दुश्मन के सिर पर मंडराकर उसकी तबाही का सबब बन जाए. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस खतरनाक ड्रोन के पीछे की कहानी क्या है?

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    भारत की ओर से 7 मई को अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को गहरी चोट दी है. आतंकियों के ठिकानों पर बमों की बारिश से न केवल उनके कैंप ध्वस्त हुए, बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की पोल भी खुल गई. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि इस मिशन में जहां राफेल जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स ने अहम भूमिका निभाई, वहीं एक और हथियार चुपचाप अपने असर का लोहा मनवा गया—कामिकाज़ी ड्रोन.

    ‘कामिकाज़ी ड्रोन’—नाम सुनते ही एक ऐसी मशीन की कल्पना होती है जो दुश्मन के सिर पर मंडराकर उसकी तबाही का सबब बन जाए. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस खतरनाक ड्रोन के पीछे की कहानी क्या है? आइए, इस जापानी नाम वाले इस आत्मघाती ड्रोन की पूरी कहानी और इसकी ताकत को करीब से समझते हैं.

    कामिकाज़ी: नाम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

    ‘कामिकाज़ी’ शब्द जापानी भाषा से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है—‘दिव्य पवन’ (Divine Wind). यह शब्द द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चर्चा में आया, जब जापान ने एक विशेष सैन्य रणनीति अपनाई. जापानी पायलट अपने फाइटर प्लेन को दुश्मन के युद्धपोतों में जानबूझकर क्रैश करते थे. इस आत्मघाती हमले में पायलट की जान जाती थी, लेकिन दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचता था. तब से ‘कामिकाज़ी’ शब्द किसी भी सुसाइड मिशन के लिए प्रतीक बन गया है.

    कामिकाज़ी ड्रोन क्या है?

    आज के युद्ध के मैदान में इस विचार को ड्रोन टेक्नोलॉजी में तब्दील कर दिया गया है. कामिकाज़ी ड्रोन एक रोबोटिक बम की तरह काम करता है. यह न केवल दुश्मन को ट्रैक करता है, बल्कि अपने भीतर मौजूद विस्फोटक के साथ सीधे टारगेट पर जा टकराता है—यानि खुद को भी नष्ट कर देता है.

    इसका एक और नाम है—सुसाइड ड्रोन.

    कैसे काम करता है ये ड्रोन?

    • यह ड्रोन आसमान में उड़ते हुए लगातार दुश्मन की लोकेशन को ट्रैक करता है.
    • जैसे ही यह लक्ष्य को पकड़ता है, यह उसके आसपास मंडराना शुरू कर देता है.
    • मौका मिलते ही यह सीधा हमला करता है और विस्फोट कर देता है.

    तकनीकी रूप से क्या है ये?

    कामिकाज़ी ड्रोन को एक तरह से क्रूज़ मिसाइल और अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) का मिश्रण कहा जा सकता है. इसका आकार छोटा होता है लेकिन मारक क्षमता बेहद घातक. ये ड्रोन जंगलों, पहाड़ियों या दुर्गम इलाकों में छिपे आतंकियों को भी ढूंढकर खत्म करने में सक्षम हैं.

    क्यों है यह खतरनाक?

    • टारगेट की तुरंत पहचान इसकी सबसे बड़ी ताकत है.
    • यह ड्रोन घंटों तक हवा में मंडरा सकता है, जिससे ऑपरेटर को हमला करने का सही समय चुनने की आज़ादी मिलती है.
    • एक बार टारगेट लॉक होते ही यह तेज गति से हमला करता है और उसे पूरी तरह तबाह कर देता है.

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