राफेल, F-35, SU-30MKI... सब हो जाएंगे ढेर, DRDO के इस 6th जेनरेशन फाइटर जेट की रफ्तार से ही कांपेगा शहबाज

    मार्क-2 भारत का पहला 6th जनरेशन तकनीक से लैस फाइटर जेट बनने की ओर अग्रसर है. सबसे खास बात यह है कि मार्क-2 पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगा.

    Rafale F35, SU30MKI Shehbaz 6th generation fighter jet DRDO
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    भारत अब सिर्फ अपनी सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि वह आधुनिक युद्ध तकनीकों में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है. हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के जरिए न सिर्फ आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि पाकिस्तान और उसके समर्थकों—जैसे चीन और तुर्की—को भी स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब भारत किसी भी सूरत में चुप बैठने वाला नहीं है. इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है और चीन भी भारत की सैन्य तैयारियों से बुरी तरह घबराया हुआ है.

    इसी बीच, भारत ने डिफेंस सेक्टर में एक और बड़ा कदम उठाया है—AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट. इस प्रोजेक्ट के तहत दो अत्याधुनिक फाइटर जेट तैयार किए जा रहे हैं—AMCA मार्क-1 और AMCA मार्क-2. जहां मार्क-1 मौजूदा लड़ाकू विमानों की संख्या में कमी को पूरा करेगा, वहीं मार्क-2 भारत का पहला 6th जनरेशन तकनीक से लैस फाइटर जेट बनने की ओर अग्रसर है. सबसे खास बात यह है कि मार्क-2 पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगा.

    क्यों जरूरी है AMCA प्रोजेक्ट?

    फिलहाल भारतीय वायुसेना 4.5 जनरेशन फाइटर जेट्स जैसे राफेल और Su-30MKI पर निर्भर है, लेकिन चीन द्वारा J-20 जैसे स्टेल्थ विमानों की सीमा पर तैनाती ने भारत को भी अब अगली पीढ़ी के विमानों की ओर देखने पर मजबूर कर दिया है. मौजूदा जरूरतों के अनुसार भारतीय वायुसेना को 42–43 स्क्वाड्रन की आवश्यकता है, जबकि अभी महज 30 स्क्वाड्रन ही उपलब्ध हैं. ऐसे में 200–300 नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है, जिसे AMCA प्रोजेक्ट के जरिए पूरा किया जाएगा.

    AMCA मार्क-1 बनाम AMCA मार्क-2

    • AMCA मार्क-1 में अमेरिकी कंपनी GE का F414 इंजन इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें 5वीं पीढ़ी की सीमित स्टेल्थ तकनीक होगी और यह ट्रांजिशनल फाइटर की तरह कार्य करेगा.
    • AMCA मार्क-2 असली गेमचेंजर साबित होने वाला है. इसमें DRDO और GTRE (Gas Turbine Research Establishment) की मदद से पूरी तरह स्वदेशी 120 kN इंजन तैयार किया जाएगा, जो 6th जनरेशन टेक्नोलॉजी के साथ आएगा. यह इंजन 30% अधिक रेंज और 20% बेहतर एक्सेलेरेशन देगा.

    AMCA मार्क-2 की अहम खूबियां

    • AI आधारित कॉम्बैट सिस्टम – यह जेट कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस होगा, जिससे यह स्वयं निर्णय लेने और मानव हस्तक्षेप को न्यूनतम करने में सक्षम होगा.
    • ऑप्शनली मैन्ड सिस्टम – इसका अर्थ है कि यह विमान मानव पायलट के बिना भी ऑपरेट किया जा सकेगा, यानी ड्रोन-स्वरूप फंक्शन भी संभव होगा.
    • ड्रोन कंट्रोल की क्षमता – यह विमान साथ उड़ते हुए ड्रोन स्क्वाड्रन को भी निर्देशित कर सकेगा.
    • स्टेल्थ टेक्नोलॉजी – मार्क-2 में बेहद एडवांस स्टेल्थ मटेरियल और डिज़ाइन का उपयोग किया जाएगा जिससे यह रडार की पकड़ में नहीं आएगा.
    • कटिंग-एज सेंसर फ्यूजन – मल्टीपल सेंसर्स से मिले डेटा को AI के माध्यम से एकीकृत करके निर्णय लेना, जिससे जेट की ऑपरेशनल एफिशिएंसी कई गुना बढ़ जाएगी.
    • सुपरसोनिक और हाई-एयरफ्लो डिज़ाइन – इसे हाई-स्पीड एंगेजमेंट के लिए और अधिक सक्षम बनाया जाएगा.

    अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और बाजार

    AMCA मार्क-2 के डेवलपमेंट के साथ भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जो छठवीं पीढ़ी के फाइटर जेट बना पाने की क्षमता रखते हैं. अमेरिका, रूस और चीन पहले ही इस तकनीक की ओर कदम बढ़ा चुके हैं, और अब भारत इस दौड़ में मजबूती से शामिल हो रहा है. इससे भारत को वैश्विक डिफेंस मार्केट में भी नई पहचान और अवसर मिलेंगे.

    ये भी पढ़ेंः भारत के पड़ोस में छिड़ा गृह युद्ध! विद्रोह‍ियों ने पहली बार मार ग‍िराया मिल‍िट्री जेट, जानें मामला