दुनिया के सबसे विविध लड़ाकू विमान बेड़े की ओर तेजी से बढ़ते हुए मिस्र अब एक और अहम कदम उठाने की तैयारी में है. रिपोर्ट्स के अनुसार, मिस्र चीनी J-10C 'विगोरस ड्रैगन' लड़ाकू विमान को अपने बेड़े में शामिल करने की योजना बना रहा है. यदि यह सौदा पक्का होता है, तो मिस्र एकमात्र ऐसा देश बन जाएगा जिसके पास फ्रांस के राफेल, अमेरिका के F-16, रूस के MiG-29 और अब चीन के J-10C जैसे चार अलग-अलग देशों के उन्नत फाइटर जेट होंगे.
J-10C के साथ मिस्र की दिलचस्पी बढ़ी
मिस्र लंबे समय से अपनी वायु सेना को आधुनिक बनाने पर काम कर रहा है. इसी कड़ी में सितंबर 2024 में हुए मिस्र इंटरनेशनल एयर शो में चीनी J-10C की मौजूदगी ने संकेत दिए कि यह विमान मिस्र की खरीद सूची में शामिल हो सकता है. इसके बाद फरवरी 2025 में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि चीन और मिस्र के बीच इस लड़ाकू विमान को लेकर डील फाइनल हो चुकी है.
हालांकि, इन दावों को चीन के रक्षा मंत्रालय ने सिरे से खारिज करते हुए "फर्जी खबर" बताया, लेकिन अप्रैल 2025 में 'ईगल्स ऑफ सिविलाइजेशन' संयुक्त हवाई अभ्यास में एक वीडियो सामने आया, जिसमें मिस्र के एक पायलट को J-10C में देखा गया — जिसने एक बार फिर अटकलों को जोर दे दिया कि मिस्र वास्तव में इस विमान को अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है.
FA-50 भी रेस में
मिस्र की नजर सिर्फ चीन पर ही नहीं, बल्कि दक्षिण कोरिया के FA-50 फाइटर जेट पर भी है. रिपोर्टों के मुताबिक मिस्र और सियोल के बीच बातचीत हुई है, हालांकि अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. FA-50 एक हल्का, किफायती और स्टील्थ-तकनीक से लैस लड़ाकू विमान है, जो विकासशील देशों के लिए एक व्यवहारिक विकल्प बनकर उभरा है. इसकी कीमत पांचवीं पीढ़ी के विमानों की तुलना में काफी कम है, जिससे यह मिस्र जैसे देशों के लिए बजट के लिहाज से आकर्षक विकल्प बन जाता है.
मिस्र की रणनीति: संतुलन या मजबूती?
अगर मिस्र J-10C को चुनता है, तो पाकिस्तान के बाद यह विमान खरीदने वाला दूसरा देश बन जाएगा. चीन का J-10C एक 4.5वीं पीढ़ी का आधुनिक मल्टीरोल फाइटर है, जिसमें AESA रडार और स्टील्थ फीचर्स जैसे अत्याधुनिक तकनीकें मौजूद हैं. वहीं मिस्र पहले से ही 200 से ज्यादा अमेरिकी F-16 ऑपरेट करता है, जो उसे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा F-16 ऑपरेटर बनाता है.
मिस्र की यह रणनीति उसके सैन्य संतुलन और क्षेत्रीय शक्ति को और मजबूत कर सकती है. अगर वह चीनी और फ्रांसीसी तकनीकों को एक साथ अपनाता है, तो वह दुनिया का अकेला देश होगा जो एक साथ राफेल और J-10C दोनों ऑपरेट करता है — दो ऐसे विमान जो भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति में आमने-सामने आ चुके हैं.
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