'पूरा यूक्रेन हमारा है, दोनों देशों के लोग...' पुतिन ने जेलेंस्की को सुमी शहर पर कब्जे की चेतावनी दी

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को एक बार फिर यूक्रेन को लेकर अपना दावा दोहराया.

    Putin warns Zelensky of occupation of Ukraine
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    कीव/मॉस्को/जिनेवा: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को एक बार फिर यूक्रेन को लेकर अपना दावा दोहराया. सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (SPIEF) में बोलते हुए उन्होंने कहा कि “रूसी और यूक्रेनी लोग एक ही हैं,” और इसी आधार पर “पूरा यूक्रेन रूस का है.” हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस, यूक्रेन की स्वतंत्रता को सीधे तौर पर चुनौती नहीं दे रहा, लेकिन उसने यह स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन को रूस-नियंत्रित क्षेत्रों से पीछे हटना होगा.

    इस बयान से यूरोपीय और वैश्विक मंचों पर विवाद और बढ़ गया है, खासकर ऐसे समय में जब यूक्रेन की सूमी सीमा पर रूसी सैन्य गतिविधियां तेज हो चुकी हैं.

    सूमी: सैन्य रणनीति या कब्ज़े की तैयारी?

    रूस फिलहाल यूक्रेन के करीब 20% भूभाग पर कब्जा जमाए हुए है, जिसमें क्रीमिया, लुहांस्क, डोनेट्स्क, जापोरीज़्ज़िया और खेरसॉन के बड़े हिस्से शामिल हैं. हाल के हफ्तों में रूसी सेना ने सूमी क्षेत्र में चार सीमावर्ती गांवों (नोवेंके, बासिवका, वेसलिवका और ज़ुरावका) पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है.

    रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि सूमी को ‘बफर ज़ोन’ में तब्दील करना रूस की सीमा सुरक्षा नीति का हिस्सा है, जिससे बेलगोरोद और कुर्स्क जैसे रूसी सीमावर्ती इलाकों को यूक्रेनी ड्रोन व आर्टिलरी हमलों से बचाया जा सके. हालांकि, पश्चिमी विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम यूक्रेन के भीतर गहराई तक हस्तक्षेप करने की रणनीति का संकेत भी हो सकता है.

    जेलेंस्की का पलटवार: "हम अलग हैं, आज़ाद हैं"

    यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पुतिन की इस टिप्पणी को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “यूक्रेनी लोग स्वतंत्र हैं और किसी भी तरह की ‘एकता की कल्पना’ रूसी साम्राज्यवादी सोच का हिस्सा है.” उन्होंने कहा कि पुतिन शांति नहीं चाहते बल्कि इस युद्ध को और खींचना चाहते हैं.

    कैदी और शवों की अदला-बदली से उम्मीद

    इस बीच, रूस और यूक्रेन ने 14 मई को इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता के तहत कैदियों और सैनिकों के शवों की अदला-बदली की प्रक्रिया जारी रखी है.

    • 23–25 मई को 1,000-1,000 कैदियों की अदला-बदली
    • हाल ही में एक और चरण में सैकड़ों कैदी और सैनिकों के शव दोनों पक्षों को लौटाए गए

    इस तरह के मानवीय कदमों को शांति वार्ता की दिशा में एक सॉफ्ट कॉन्टैक्ट चैनल माना जा रहा है, भले ही बड़ी राजनीतिक सहमतियां अब भी नदारद हैं.

    ट्रम्प-पुतिन वार्ता और अमेरिका की कूटनीति

    2025 की शुरुआत से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के साथ बैकडोर कूटनीति तेज कर दी है. फरवरी में ट्रम्प और पुतिन के बीच 90 मिनट की टेलीफोन बातचीत के बाद, सऊदी अरब में अमेरिका-रूस उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया.

    ट्रम्प के जेलेंस्की को “तानाशाह” कहने और पुतिन की सार्वजनिक प्रशंसा करने से पश्चिमी सहयोगियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कई विश्लेषकों के अनुसार, यह संकेत है कि ट्रम्प प्रशासन यूक्रेन को पीछे धकेलते हुए रूस के साथ किसी सशर्त समझौते की दिशा में बढ़ सकता है.

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