सीजफायर भी और अदावती रुआब भी...आखिर चाहते क्या हैं पुतिन? ट्रंप की वॉर्निंग के बाद सामने रख दी ये शर्त

    रूस ने रविवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उसने कहा कि वह यूक्रेन के साथ शांति स्थापित करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके साथ ही रूस के लिए अपने लक्ष्यों की प्राप्ति सबसे अहम है.

    Putin Wants ceasefire with ukraine but with achieving his goal
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    रूस ने रविवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उसने कहा कि वह यूक्रेन के साथ शांति स्थापित करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके साथ ही रूस के लिए अपने लक्ष्यों की प्राप्ति सबसे अहम है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने बार-बार यूक्रेन से बातचीत के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है, ताकि यह संघर्ष जल्दी और शांतिपूर्वक समाप्त हो सके. हालांकि, पेस्कोव ने यह भी कहा कि यह एक लंबी और कठिन प्रक्रिया होगी, जिसमें प्रयासों की आवश्यकता होगी.

    उन्होंने इस बारे में विस्तार से कहा, "हमारी प्राथमिकता यह है कि हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें, और हमारे लक्ष्य स्पष्ट हैं." यह बयान उस समय आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को 50 दिनों का समय दिया था, ताकि वह युद्धविराम पर सहमत हो, वरना उसे कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.

    रूस की शांति की शर्तें


    क्रेमलिन ने स्पष्ट किया है कि रूस के लिए किसी भी शांति समझौते का हिस्सा यह होगा कि यूक्रेन को उन चार क्षेत्रों से हटना होगा, जिन्हें रूस ने सितंबर 2022 में अपने कब्जे में लिया था, हालांकि इन क्षेत्रों पर रूस का पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पाया है. इसके अलावा, रूस यह भी चाहता है कि यूक्रेन नाटो (NATO) में शामिल होने के अपने प्रयासों को पूरी तरह से समाप्त कर दे और अपनी सैन्य ताकत के लिए रूस द्वारा निर्धारित सीमाओं को मान्यता दे.

    यूक्रेन और उसके सहयोगियों का इनकार


    हालांकि, यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने रूस की इन शर्तों को नकारा किया है. यूक्रेन का कहना है कि वह अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता से पीछे नहीं हटेगा, और उसकी सेना के लिए कोई बाहरी ताकत सीमा निर्धारित नहीं कर सकती. इस बीच, रूस ने यूक्रेन के शहरों पर अपनी लंबी दूरी की बमबारी को तेज कर दिया है, और विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में रूस की सैन्य कार्रवाई और भी बढ़ सकती है. रूस की बमबारी से यूक्रेन के नागरिकों और सैनिकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

    अमेरिकी दबाव और चेतावनी


    अमेरिका ने 14 जुलाई को रूस को कड़ी चेतावनी दी थी कि अगर वह अगले 50 दिनों में शांति समझौते पर सहमत नहीं होता, तो अमेरिका उस पर भारी आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा. राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन को हथियार भेजने की प्रक्रिया को फिर से तेज करेगा. उनका कहना था कि अगर रूस नहीं मानेगा, तो अमेरिका रूस के व्यापारिक साझेदारों को निशाना बनाकर उसे वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर देगा. इसके अलावा, ट्रंप ने यह भी उल्लेख किया कि यूरोपीय देश अब अमेरिका से अरबों डॉलर के सैन्य उपकरण खरीदेंगे, जिनमें पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल है. यह सिस्टम यूक्रेन के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि वह रूस के ड्रोन और मिसाइल हमलों का सामना कर रहा है.

    बातचीत में कोई ठोस प्रगति नहीं


    यूक्रेन और रूस के बीच अब तक इस्तांबुल में कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इन वार्ताओं में कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई. कुछ कैदियों की अदला-बदली जरूर हुई, लेकिन सीजफायर (युद्धविराम) की कोई ठोस बात सामने नहीं आई. यह साफ है कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम होने की बजाय और बढ़ता जा रहा है, और शांति की संभावनाएं फिलहाल दूर नजर आती हैं. हालांकि, रूस ने शांति की इच्छा जताई है, लेकिन अपनी शर्तों पर कायम रहते हुए. अब यह देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय दबाव और कूटनीतिक प्रयासों के बीच दोनों देशों के बीच किसी समझौते तक पहुंच पाती है या नहीं.

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