पुतिन के जासूस ने ट्रंप के साथ किया खेल! खतरनाक हथियार की क्लोनिंग, AI चिप्स गायब; अब क्या करेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति

    Russian spy US army: दुनिया जब सतह पर सैन्य ताकत और कूटनीतिक समीकरणों की बात कर रही है, तब परदे के पीछे एक ऐसा युद्ध जारी है, जो हथियारों से नहीं, बल्कि कोड, चिप्स और सूचनाओं से लड़ा जा रहा है, और इसका निशाना अमेरिका है.

    Putin spy played a trick on Trump what will the US President do now
    Image Source: Meta AI

    Russian spy US army: दुनिया जब सतह पर सैन्य ताकत और कूटनीतिक समीकरणों की बात कर रही है, तब परदे के पीछे एक ऐसा युद्ध जारी है, जो हथियारों से नहीं, बल्कि कोड, चिप्स और सूचनाओं से लड़ा जा रहा है, और इसका निशाना अमेरिका है.

    रूस और चीन ने अब खुला मोर्चा नहीं, बल्कि छुपा हुआ हमला शुरू कर दिया है, जासूसी युद्ध. तकनीक चुराई जा रही है, हथियारों की क्लोनिंग हो रही है, और सबसे चौंकाने वाली बात,  यह सब अमेरिका के अंदर से हो रहा है.

    पुतिन का जासूस अमेरिका की सेना में तैनात था

    अमेरिका की सेना का वही सिस्टम, जिस पर उसे सबसे ज्यादा भरोसा था, अब वही उसकी कमजोरी बन गया. अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, रूस के लिए जासूसी करने वाला शख्स कोई विदेशी एजेंट नहीं, बल्कि अमेरिकी सेना का एक सक्रिय सैनिक निकला.

    टेलर एडम ली, टेक्सस के फोर्ट ब्लिस में तैनात था और वह अमेरिका के M1A2 अब्राम्स टैंक से जुड़ी संवेदनशील जानकारी रूस को भेज रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह टैंक की नियंत्रण प्रणाली और एक अन्य बख्तरबंद वाहन की तकनीक भी लीक कर चुका था.

    जानकारी लीक होने से पहले गिरफ्तारी

    हालांकि अमेरिकी एजेंसियों ने समय रहते कार्रवाई करते हुए जासूस सैनिक को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था. आशंका जताई जा रही है कि रूस पहले ही इस जानकारी के आधार पर अब्राम्स टैंक की क्लोनिंग कर चुका है. यह वही टैंक है, जिस पर अमेरिका अपनी सैन्य श्रेष्ठता का गर्व करता रहा है.

    Nvidia की AI चिप्स पर थी नजर

    वहीं चीन की तरफ से भी एक समानांतर जासूसी मिशन की पुष्टि हुई है. हाल ही में कैलिफोर्निया से दो चीनी नागरिक गिरफ्तार किए गए, जिन पर Nvidia की H100 AI चिप्स को अवैध तरीके से चीन भेजने का आरोप है. ये चिप्स दुनिया की सबसे महंगी और उन्नत AI तकनीक का हिस्सा हैं.

    भले ही यह गिरफ्तारी जासूसी के बजाय लाइसेंस उल्लंघन के तहत हुई हो, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन अमेरिकी तकनीक की नकल कर ग्लोबल हार्डवेयर मार्केट में दबदबा बनाने की तैयारी कर रहा है.

    अमेरिका की सुरक्षा पर सवाल

    रूस और चीन के इन मिशनों ने अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जब जासूस खुद आपकी सेना की वर्दी में हों और तकनीक चुराने वाले वैज्ञानिक लैब्स में बैठे हों, तब खतरे की परिभाषा बदल जाती है.

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