Russia Ukraine War: कैसे मिलेगी शांति? जब इस्तांबुल में नहीं होगी पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात!

    Russia Ukraine War: तीन साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध अब भी किसी ठोस समाधान तक नहीं पहुंचा है. इस लंबे संघर्ष को खत्म करने और शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक और पहल की जा रही है.

    Putin and zelensky not meet in istanbul
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    Russia Ukraine War: तीन साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध अब भी किसी ठोस समाधान तक नहीं पहुंचा है. इस लंबे संघर्ष को खत्म करने और शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक और पहल की जा रही है. ताजा जानकारी के अनुसार, तुर्किए के इस्तांबुल में गुरुवार को रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल आमने-सामने बैठेंगे. हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद इस बातचीत में शामिल नहीं होंगे — उनकी जगह एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल को भेजा जा रहा है.

    पुतिन नहीं, उनके सहयोगी होंगे मीटिंग का हिस्सा

    रूस की ओर से आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की घोषणा हो चुकी है. राष्ट्रपति पुतिन के करीबी और सहायक व्लादिमीर मेदिंस्की इस डेलिगेशन का नेतृत्व करेंगे. उनके साथ रूस के उप विदेश मंत्री मिखाइल गलुज़िन, उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन और खुफिया एजेंसी से जुड़े इगोर कोस्त्युकोव भी शामिल होंगे. यह टीम रूस की ओर से वार्ता में सभी प्रमुख बिंदुओं को लेकर चर्चा करेगी.

    जेलेंस्की ने जताई आशंका, ट्रंप की मौजूदगी पर भी किया इशारा

    यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बैठक से एक दिन पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "एक्स" पर एक पोस्ट साझा किया. उन्होंने कहा हमने तुर्किए में कई जरूरी तैयारियां कर ली हैं. अब देखना है कि रूस की ओर से कौन आता है, उसके बाद ही हम अपना अगला कदम तय करेंगे. जेलेंस्की ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस मीटिंग का हिस्सा बन सकते हैं. हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

    दबाव की रणनीति: रूस को झुकाने की कोशिश

    जेलेंस्की ने उन देशों का आभार जताया है जो रूस पर लगातार कूटनीतिक दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कहा “रूस फिलहाल सिर्फ युद्ध को आगे बढ़ा रहा है. लेकिन मैं उन देशों और नेताओं का शुक्रिया अदा करता हूं जो शांति के लिए रूस को मनाने में लगे हैं. अगर दबाव बना रहा, तो बातचीत वास्तव में सार्थक हो सकती है.”

    क्या होगी बातचीत की दिशा?

    इस बार की वार्ता पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या तुर्किए में होने वाली यह बैठक कोई ठोस परिणाम दे पाएगी या फिर यह भी पिछली कोशिशों की तरह अधूरी रह जाएगी.
     

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