कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा में आयोजित पशु मेला इस बार एक खास मेहमान के कारण सुर्खियों में है. पंजाब के संगरूर जिले से लाए गए नुकरा नस्ल के घोड़े प्रताप रूप ने अपने आकर्षक रूप और शाही कद-काठी से सबका ध्यान आकर्षित किया है. यह घोड़ा न केवल अपनी सफेदी और खूबसूरत आंतरिक संरचना के लिए मशहूर है, बल्कि उसकी कीमत भी लोगों के होश उड़ा रही है. बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी कारों से भी महंगा, यह घोड़ा करीब एक करोड़ रुपये का है. हालांकि, इसके मालिक फिलहाल इसे बेचने का कोई इरादा नहीं रखते हैं.
प्रताप रूप की खासियतें
प्रताप रूप के बारे में बात करें तो यह घोड़ा लगभग 28 महीने पुराना है और उसकी ऊंचाई 67 इंच है, जो उसे नुकरा नस्ल के घोड़ों में एक विशेष स्थान दिलाता है. पिहोवा मेला में आए पशुपालक, घोड़ा प्रेमी और पर्यटक बड़ी संख्या में इसे देखने पहुंच रहे हैं. प्रताप रूप की शारीरिक बनावट, उसकी सफेदी, और उसकी ऊंचाई ने उसे एक दुर्लभ और मूल्यवान प्रॉपर्टी बना दिया है. इसके मालिक, तूर वंजारा गांव के सरपंच हरप्रीत सिंह और उनके पिता निर्भय सिंह बताते हैं कि घोड़े की इन खासियतों के कारण उसकी कीमत एक करोड़ रुपये तक आंकी गई है. वे इसे केवल परिवार के सदस्य के रूप में देखते हैं और कभी इसे बेचने का विचार भी सिर्फ उस व्यक्ति को देंगे, जो इसकी सही देखभाल कर सके.
प्रताप रूप की खास डाइट और देखभाल
प्रताप रूप की देखभाल और डाइट भी अत्यंत खास है. इसके मालिक बताते हैं कि यह घोड़ा एक सेकंड में लगभग 40 फीट की दूरी तय कर सकता है. इस घोड़े की सेवा और देखभाल के लिए तीन अलग-अलग लोग नियुक्त किए गए हैं, लेकिन हरप्रीत सिंह और उनके पिता खुद भी प्रताप रूप के साथ समय बिताते हैं. प्रताप रूप को घर में रखा जाता है, जबकि अन्य घोड़े फार्म पर होते हैं. उसकी डाइट में तीन बार विशेष भोजन दिया जाता है—सुबह में काले चने, दिन में घास और शाम को दूध. सर्दियों में दूध में बादाम डालकर उबालकर दिया जाता है, जबकि रात को उसे उबला हुआ जौ खिलाया जाता है. गर्मियों में सप्ताह में दो बार उसे सेब भी दिए जाते हैं.
प्रताप रूप की रोज़ाना सफाई और तेल मालिश
प्रताप रूप की शारीरिक स्थिति पर भी गहरी नजर रखी जाती है. उसे रोजाना नहलाया जाता है और उसके शरीर पर तेल से मालिश की जाती है, जो करीब एक घंटे का समय लेता है. यह काम फार्म पर काम करने वाले कर्मचारी भी मिलकर करते हैं. इसके मालिक निर्भय सिंह का कहना है कि घोड़ों का यह शौक उन्हें अपने बेटे दलजीत सिंह से मिला, जो फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं. पहले एक घोड़ी खरीदी गई थी, और फिर यह शौक धीरे-धीरे जुनून में बदल गया. अब इस परिवार में एक और मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा "प्रेमरत्न" भी है, जिसे वे "नॉट फॉर सेल" की तख्ती के साथ पाल रहे हैं.
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