प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सैन्य कार्रवाई पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने आतंक के सबसे बड़े ठिकानों को उनकी जड़ों से उखाड़ फेंका है. बहावलपुर और मुरीदके जैसे स्थान जो आतंकवाद के केंद्र माने जाते थे, अब मलबे में तब्दील हो चुके हैं. उन्होंने इसे भारत की सेना की बहादुरी और देश की एकजुटता का नतीजा बताया.
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि उन बेटियों के माथे का सिंदूर बचाने की प्रतिज्ञा है, जिनके सामने उनके पिता या भाई को बेरहमी से मारा गया. यह न्याय की वो आग है, जो अब निर्णायक होकर जल उठी है.
"मिलिट्री एक्शन को केवल स्थगित किया"
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की गुहार पर भारत ने संघर्ष रोकने की सहमति दी है. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ मिलिट्री एक्शन को केवल स्थगित किया है. पाकिस्तान का रवैया देखकर आगे का एक्शन तय करेंगे. मोदी ने कहा, पाकिस्तान की तरफ से न्युक्लियर धमकी सहन नहीं की जाएगी. भारत की तीनों सेनाएं सभी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं.
"आतंकवाद को उसकी ही भाषा में जवाब दिया"
अपने संबोधन में उन्होंने पाकिस्तान पर सीधे शब्दों में प्रहार करते हुए कहा कि भारत की सेनाओं को खुली छूट दी गई थी और उन्होंने आतंकवाद को उसकी ही भाषा में जवाब दिया. उन्होंने दुनिया को भी याद दिलाया कि 9/11 और लंदन ब्लास्ट जैसे हमलों की जड़ें इन्हीं आतंकी अड्डों से जुड़ी रही हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने "न्यू एज वारफेयर" में भारत की तकनीकी और सामरिक श्रेष्ठता को स्थापित कर दिया है. इस दौरान भारत में निर्मित हथियारों और उपकरणों ने यह साबित किया कि 'मेड इन इंडिया' अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि सैन्य शक्ति का नया परिचायक है.
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