अब महिलाएं ऑटो में और ज्यादा होंगी सेफ, सुरक्षा को लेकर पुलिस ने उठाए सख्त कदम

    Unique Identification Number: ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा और यात्रा को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है. अब इस क्षेत्र के सभी ऑटो पर यूनिक पहचान नंबर (Unique Identification Number) अंकित किया जा रहा है.

    Police wrote unique number on auto safety for women travelers
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    Unique Identification Number: ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा और यात्रा को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है. अब इस क्षेत्र के सभी ऑटो पर यूनिक पहचान नंबर (Unique Identification Number) अंकित किया जा रहा है, ताकि किसी भी घटना की स्थिति में ऑटो और उसके चालक की पहचान तत्काल की जा सके.

    यूनिक नंबर से होगी ऑटो की पहचान

    कासना कोतवाली पुलिस ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए मंगलवार को 55 से अधिक ऑटो पर यूनिक कोड अंकित किए. ये कोड अक्षरों और अंकों के संयोजन में होते हैं और हर वाहन के लिए विशेष होते हैं. यह नंबर संबंधित ऑटो चालक की पूरी जानकारी के साथ कोतवाली के रजिस्टर और कंप्यूटर सिस्टम में सुरक्षित रखा जाएगा.

    ऑटो चालक की पूरी जानकारी होगी दर्ज

    कोतवाली प्रभारी धर्मेंद्र शुक्ला के अनुसार, प्रत्येक ऑटो चालक की विस्तृत जानकारी पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी. इसमें वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, चालक का नाम, मालिक का पता, मोबाइल नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड की प्रतिलिपि शामिल है. इस प्रक्रिया से ऑटो से जुड़ी किसी भी शिकायत या घटना की जांच में तेजी लाई जा सकेगी.

    महिलाओं की सुरक्षा में होगा सुधार

    अक्सर देखा गया है कि ऑटो से सफर करने वाली महिलाओं को छेड़छाड़, सामान चोरी या लूट जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है. अब, जब हर ऑटो की जानकारी पुलिस के पास उपलब्ध होगी, तो ऐसी घटनाओं में कमी आने की उम्मीद की जा रही है. यदि कोई यात्री सामान भूल जाए तो उसके वापस मिलने की संभावना भी अब अधिक होगी.

    ऑटो चालकों पर भी लगेगी लगाम

    डीसीपी साद मियां ने इस पहल को लेकर कहा कि इससे न सिर्फ यात्रियों को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उन ऑटो चालकों पर भी नजर रखी जा सकेगी जो नियमों की अनदेखी करते हैं, जैसे कि ओवरलोडिंग या मनमानी किराया वसूली.

    कानून व्यवस्था और यातायात में भी सुधार

    इस यूनिक नंबर सिस्टम से पुलिस को अपराधियों की पहचान में तेजी मिलेगी, और साथ ही ग्रेटर नोएडा में कानून व्यवस्था और ट्रैफिक मैनेजमेंट भी बेहतर होगा. यह पहल एक उदाहरण बन सकती है जिसे दूसरे क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है.

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