पीएम मोदी अगले हफ्ते जाएंगे मालदीव-ब्रिटेन, सुरक्षा और व्यापार क्षेत्र में हो सकती है बड़ी डील

    दुनिया की बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी सप्ताह दो अहम अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर निकलने वाले हैं. 23 से 26 जुलाई के बीच होने वाली इस विदेश यात्रा के दो मुख्य पड़ाव होंगे, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और मालदीव.

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    PM Modi Visit Maldives: दुनिया की बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी सप्ताह दो अहम अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर निकलने वाले हैं. 23 से 26 जुलाई के बीच होने वाली इस विदेश यात्रा के दो मुख्य पड़ाव होंगे, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और मालदीव. इन दोनों ही दौरों का रणनीतिक और राजनयिक महत्व बेहद व्यापक है, क्योंकि एक ओर यह आर्थिक मोर्चे पर भारत की पकड़ को मजबूत करेगा, तो दूसरी ओर भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति को नई दिशा देगा.

    यूके में व्यापारिक रिश्तों की नई शुरुआत

    प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा की शुरुआत 23 जुलाई को यूनाइटेड किंगडम से करेंगे, जहां भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर लंबे समय से चली आ रही बातचीत को औपचारिक अंजाम मिलने की संभावना है. तीन वर्षों की वार्ता के बाद अब इस समझौते पर हस्ताक्षर की स्थिति बन चुकी है, जो दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

    इस ट्रेड डील के बाद भारतीय वस्तुओं को ब्रिटिश बाजार में टैक्स छूट मिलेगी, जिससे ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट्स की पहुंच और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. वहीं दूसरी ओर, ब्रिटेन से आयात होने वाले उत्पाद, जैसे लग्ज़री कारें और व्हिस्की अब भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुलभ हो सकेंगे.

    मालदीव में रिश्तों की गर्मजोशी लौटाने की कोशिश

    यूके से लौटते ही पीएम मोदी 25 जुलाई को मालदीव पहुंचेंगे, जहां वह देश के 60वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के विशेष निमंत्रण पर हो रही यह यात्रा इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि मुइज्जू की सत्ता में आने के बाद से भारत-मालदीव संबंधों में तनाव देखने को मिला था.

    मुइज्जू सरकार को चीन समर्थक माना जाता रहा है, और सत्ता में आने के तुरंत बाद उन्होंने ‘इंडिया आउट’ जैसे नारों को बढ़ावा दिया. लेकिन बीते महीनों में चीन की नीति और प्रभाव को लेकर उनकी सोच में बदलाव देखा गया है, और अब वह भारत के साथ संवाद और सहयोग की राह पर लौटते दिख रहे हैं.

    भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति को मजबूती

    पीएम मोदी की यह यात्रा सिर्फ औपचारिक उपस्थिति नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है, भारत अपने पारंपरिक मित्र देशों के साथ संबंधों को कभी नजरअंदाज नहीं करता, और जब भी रिश्ते जटिल होते हैं, भारत संवाद के माध्यम से उन्हें सुलझाने का प्रयास करता है. इस यात्रा के दौरान सुरक्षा सहयोग, समुद्री सीमा पर निगरानी, रक्षा साझेदारी और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं जैसे मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत संभव है. गौरतलब है कि मालदीव भारत के लिए भारतीय महासागर क्षेत्र में एक अहम रणनीतिक सहयोगी है.

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