शहबाज का कश्मीर राग, फिर शांति की चर्चा... संयुक्त राष्ट्र का नाम लेकर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अब क्या उगला?

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर पर अपनी पुरानी दलील दोहराई है, जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का हवाला देते हुए कश्मीर के मामले का समाधान मांगते हुए बयान दिया.

    Shehbaz Kashmir Pakistan against India United Nations
    शहबाज शरीफ | Photo: ANI

    भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हमेशा से एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा रहा है, और इसमें कश्मीर के विवाद ने हमेशा आग में घी का काम किया है. हाल ही में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर पर अपनी पुरानी दलील दोहराई है, जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का हवाला देते हुए कश्मीर के मामले का समाधान मांगते हुए बयान दिया.

    कश्मीर मुद्दे पर शहबाज शरीफ की बयानबाजी

    कश्मीर विलय दिवस के अवसर पर शहबाज शरीफ ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, "कश्मीर मुद्दे का समाधान ही क्षेत्रीय शांति की सबसे बड़ी गारंटी है." उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों को हमेशा राजनयिक, नैतिक और राजनीतिक समर्थन देता रहेगा. पाकिस्तान हर साल 19 जुलाई को कश्मीर विलय दिवस मनाता है, जो 1947 में जम्मू और कश्मीर मुस्लिम सम्मेलन के श्रीनगर अधिवेशन के दिन के रूप में याद किया जाता है.

    शहबाज शरीफ ने कहा कि 1947 में कश्मीर के लोगों ने जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए पाकिस्तान में विलय का प्रस्ताव पारित किया था, और यह संघर्ष आज भी जारी है. उनके मुताबिक, "कश्मीरियों की तीसरी पीढ़ी भी अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रही है और यह दमन उन्हें रोक नहीं सकता."

    आतंकवाद और पाकिस्तान का रुख

    पाकिस्तान की ओर से कश्मीर को लेकर एक बार फिर से ऐसे भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं, जो पहले भी भारतीय क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बने हैं. पाकिस्तान ने न केवल कश्मीर के मुद्दे पर अपनी गलत जानकारी फैलाई है, बल्कि वह लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देने में भी शामिल रहा है. इस साल अप्रैल में, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में बर्बर हमला किया, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई थी. इस हमले में अधिकतर भारतीय नागरिक थे, जो पूरी तरह से निर्दोष थे.

    इसके बाद भारत ने नियंत्रण रेखा (LoC) को पार करते हुए पाकिस्तान के अंदर स्थित आतंकी ठिकानों पर बमबारी की. इस सैन्य कार्रवाई के दौरान दोनों देशों के बीच चार दिनों तक सैन्य टकराव चला, जिसमें विमानों, मिसाइलों और ड्रोन से हमले किए गए. 10 मई को युद्धविराम से पहले, भारतीय विमानों ने पाकिस्तान के 11 सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाया, जिसमें रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय के पास स्थित रहीम यार खान एयरबेस भी शामिल था.

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