नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत मजबूती और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब दुनिया मंदी की आशंकाओं से जूझ रही है, तब भारत तेज रफ्तार विकास की नई कहानी लिख रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों की गुलामी के प्रभाव ने भारत के आत्मविश्वास को कमजोर किया था. उन्होंने कहा कि यह मानसिकता भारत के विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा थी, लेकिन अब देश इससे बाहर निकल रहा है. उन्होंने कहा कि आज के भारत में नई ऊर्जा, नई सोच और नए लक्ष्य दिखाई देते हैं, और नागरिक आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़े कदम उठा रहे हैं.
स्पेस सेक्टर में सुधारों के बाद खुल रहे नए अवसर
अपने संबोधन में मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र में किए गए बड़े बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि कई दशकों तक स्पेस सेक्टर पूरी तरह सरकारी संस्थानों तक सीमित रहा. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने से भारत में अंतरिक्ष तकनीक को नई दिशा मिली है.
उन्होंने बताया कि आज कई भारतीय स्टार्टअप और निजी कंपनियां न केवल सैटेलाइट बना रही हैं, बल्कि लॉन्च सेवाओं में भी दुनिया के सामने नई संभावनाएँ पेश कर रही हैं.
तेज रफ्तार GDP वृद्धि भारत की ताकत- पीएम
प्रधानमंत्री ने हाल ही में आए GDP आंकड़ों पर कहा कि दूसरी तिमाही में 8% की वृद्धि भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती दिखाती है. उनका कहना था कि यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि इस बात का संकेत है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे रहा है.
उन्होंने कहा कि जब दुनिया आर्थिक संकटों और सुस्ती की चर्चा में उलझी है, भारत विकास, निवेश और उत्पादन के नए आयाम स्थापित कर रहा है.
विश्व परिदृश्य में भारत की बढ़ती भूमिका
मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया के बड़े मुद्दों पर सिर्फ सुनने वाला देश नहीं, बल्कि समाधान सुझाने वाला देश बन चुका है.
उन्होंने कहा कि—
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की यह भूमिका उसके आर्थिक सुधारों, लोकतांत्रिक मूल्यों और स्थिर शासन की वजह से मजबूत हो रही है.
डॉ. अंबेडकर के योगदान को किया याद
पीएम मोदी ने अपने भाषण में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का भी स्मरण किया. महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्होंने कहा कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा बाबा साहेब की दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं था. उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत की यात्रा में डॉ. अंबेडकर के विचार हमेशा महत्वपूर्ण रहेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा समाप्त हो चुका है और आने वाले 25 वर्ष भारत के भविष्य को निर्णायक रूप से आकार देंगे. उन्होंने कहा कि भारत विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार की नीति ‘भारत प्रथम’ इसी दिशा को मजबूती देती है. उन्होंने आशा जताई कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की प्रमुख शक्तियों में और मजबूती से उभरेगा.
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