मोदी-मोदी...टोक्यो पहुंचें PM मोदी, एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत; 68 अरब डॉलर का खजाना खोलने जा रहा दोस्त जापान

    टोक्यो में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. चार दिवसीय विदेश दौरे की शुरुआत में उन्होंने जापान की राजधानी में कदम रखा, जहां उनका मकसद है—भारत और जापान के रिश्तों को नई दिशा देना.

    PM Modi Japan Visit welcomed at airport will do 68 Billion Deal with japan
    Image Source: Social Media (PM Modi)

    टोक्यो में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. चार दिवसीय विदेश दौरे की शुरुआत में उन्होंने जापान की राजधानी में कदम रखा, जहां उनका मकसद है—भारत और जापान के रिश्तों को नई दिशा देना. यह उनकी लगभग सात वर्षों में पहली जापान यात्रा है, जो रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है.

    प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात उनके जापानी समकक्ष शिगेरू इशिबा से वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान होगी. दोनों नेता विभिन्न क्षेत्रों में चल रही साझेदारी की समीक्षा करेंगे और संभावनाओं के नए रास्ते खोलने की कोशिश करेंगे. मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री इशिबा और अन्य नेताओं से मिलने को लेकर उत्साहित हूं. हमें विश्वास है कि हम साथ मिलकर नए सहयोग के रास्ते तैयार करेंगे.”

    निवेश का बड़ा ऐलान कर सकता है जापान

    सूत्रों के अनुसार, जापान इस यात्रा के दौरान भारत में भारी निवेश की घोषणा कर सकता है. जापानी मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि टोक्यो अगले 10 वर्षों में भारत में 10 ट्रिलियन येन (लगभग 68 अरब डॉलर) के निवेश का लक्ष्य तय कर सकता है. जापानी प्रधानमंत्री इशिबा, मोदी के साथ संयुक्त बयान में इस निवेश योजना की पुष्टि कर सकते हैं.

    17 साल बाद सुरक्षा सहयोग पर नए दस्तावेज की तैयारी

    निक्केई एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और जापान 17 वर्षों के अंतराल के बाद सुरक्षा सहयोग पर अपने संयुक्त घोषणापत्र को अपडेट करने जा रहे हैं. इसके अलावा, दोनों देश एक नई आर्थिक सुरक्षा पहल शुरू करेंगे, जिसके ज़रिए साइबर सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला मज़बूती और तकनीकी खतरों से निपटने पर संयुक्त कार्य होगा.

    QUAD और हिंद-प्रशांत पर साझा दृष्टिकोण

    भारत के जापान में राजदूत सिबी जॉर्ज ने स्पष्ट किया है कि द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ QUAD जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भी बातचीत होगी. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को लेकर दोनों देशों की साझा सोच, क्षेत्रीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

    अमेरिका से टकराव के बीच जापान से करीबी की कोशिश

    भारत इस समय अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव से जूझ रहा है, खासकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीतियों के चलते. ऐसे में यह यात्रा भारत के लिए रणनीतिक संतुलन बनाने और नई निवेश संभावनाओं को मजबूत करने का मौका है.प्रधानमंत्री मोदी का अगला पड़ाव चीन होगा, लेकिन जापान यात्रा को उनके इस दौरे का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है—जहां आर्थिक साझेदारी से लेकर क्षेत्रीय कूटनीति तक, कई अहम फैसलों की उम्मीद की जा रही है.

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