Kartavya Bhavan: पीएम मोदी ने किया कर्तव्य भवन-3 का हुआ उद्घाटन, जानें क्या है इसकी खासियत

    Kartavya Bhavan: भारत की राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक कार्यों को नया आयाम देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कर्तव्य पथ पर बने कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया.

    PM Modi inaugurated Kartavya Bhavan-3 know its speciality
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    Kartavya Bhavan: भारत की राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक कार्यों को नया आयाम देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कर्तव्य पथ पर बने कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया. यह भवन केवल एक इमारत नहीं, बल्कि देश के भविष्य की शासन व्यवस्था का आधुनिक प्रतीक बनकर उभरा है.

    इस नई पहल का मकसद केवल मंत्रालयों को एक जगह लाना नहीं है, बल्कि दक्षता, समन्वय और नवाचार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना भी है. आने वाले समय में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, डीओपीटी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, तथा प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय यहीं से संचालित होंगे.

    क्या है इसकी खासियत?

    करीब 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली इस अत्याधुनिक इमारत में दो बेसमेंट और कुल 10 मंजिलें (भूतल सहित) हैं. भवन में स्मार्ट एंट्री सिस्टम, कमांड और कंट्रोल सेंटर, ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन, सोलर पैनल, अपशिष्ट जल प्रबंधन, और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण जैसी अनेक आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं.

    भवन की डिजाइन को इस तरह तैयार किया गया है कि यह 30% कम ऊर्जा का उपयोग करता है.
    LED लाइटिंग, स्मार्ट लिफ्ट्स, और ऑटोमेटेड सेंसर सिस्टम इसे ऊर्जा दक्ष बनाते हैं.
    भवन की पर्यावरण-अनुकूलता इसे ग्रीन बिल्डिंग की श्रेणी में लाती है.

    कार्यक्षमता के साथ-साथ सुविधाएं भी भरपूर

    कर्तव्य भवन-3 केवल कामकाज की जगह नहीं है, बल्कि इसे एक सर्वांगीण सुविधा केंद्र के रूप में विकसित किया गया है. 

    योगा रूम, क्रेच, मेडिकल रूम और कैफे जैसी सामान्य सुविधाएं

    24 बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल (प्रत्येक में 45 सीटों की क्षमता)

    26 छोटे हॉल (प्रत्येक में 25 सीटें)

    67 वर्किंग रूम/मीटिंग स्पेस (प्रत्येक की क्षमता 9 लोग)

    27 लिफ्ट और 2 स्वचालित सीढ़ियां

    600 कारों की पार्किंग क्षमता

    जल्द ही तैयार होंगे और भवन

    शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि सितंबर तक कर्तव्य भवन-1 और 2 भी बनकर तैयार हो जाएंगे. वहीं, बाकी 7 भवन अप्रैल 2027 तक पूरे कर लिए जाएंगे. इन सभी इमारतों को इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से जोड़ने के लिए नई मेट्रो लाइन प्रस्तावित है.

    सेंट्रल विस्टा परियोजना का बड़ा विजन

    यह पूरी परियोजना, जिसे पहले कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) कहा जाता था, अब कर्तव्य भवन श्रृंखला के रूप में आकार ले रही है. परियोजना के अंतर्गत पुराने भवनों जैसे शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन को धीरे-धीरे तोड़ा जाएगा. इनकी जगह नए भवनों में मंत्रालयों को शिफ्ट किया जाएगा, जिससे हर साल लगभग 1500 करोड़ रुपये का किराया खर्च बचाया जा सकेगा.

     बनेगा भारत संग्रहालय

    परियोजना के अंतिम चरण में नार्थ और साउथ ब्लॉक को पूरी तरह खाली कर भारत संग्रहालय के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें महाभारत काल से लेकर आधुनिक भारत तक के इतिहास और संस्कृति को डिजिटल और भौतिक रूप में दर्शाया जाएगा.

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