PM Modi Kurukshetra Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में एक ऐतिहासिक दौरा किया. इस दौरे के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया और धार्मिक समागमों में भाग लिया. उनके इस दौरे से हरियाणा की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को लेकर एक नया अध्याय जुड़ा. प्रधानमंत्री मोदी ने कुरुक्षेत्र में स्थित ज्योतिसर अनुभव केंद्र का लोकार्पण किया. यह केंद्र महाभारत के घटनाक्रमों को दर्शाने वाला एक अद्वितीय केंद्र है. यहां पर लोगों को धर्म, संस्कृति और इतिहास की गहरी जानकारी मिलेगी. मोदी ने इस केंद्र के उद्घाटन के साथ ही कुरुक्षेत्र को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया.
पाञ्चजन्य शंख स्मारक का शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी ने पाञ्चजन्य शंख स्मारक का भी शुभारंभ किया. यह स्मारक महाभारत के युद्ध और भारतीय संस्कृति में शंख के महत्व को प्रदर्शित करेगा. शंख भारतीय संस्कृति में न केवल एक धार्मिक प्रतीक है, बल्कि यह शक्ति और समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है. इस स्मारक के निर्माण से न केवल कुरुक्षेत्र का धार्मिक महत्व बढ़ेगा, बल्कि यह क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से भी प्रमुख बन जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर एक विशेष समागम में भाग लिया. इस अवसर पर उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित एक किताब का विमोचन किया और एक विशेष सिक्का भी जारी किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कुरुक्षेत्र में आयोजित इंटरनेशनल गीता महोत्सव में भी भाग लिया. यह महोत्सव हर साल आयोजित किया जाता है और इसमें दुनियाभर से लोग श्रीमद्भगवद्गीता के शिक्षाओं से जुड़ने के लिए आते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, "पांच-छह साल पहले एक अद्भुत संयोग बना था. साल 2019 में 9 नवंबर को जब राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आया था, उस दिन में करतारपुर कारीडोर के लिए प्रयास कर रहा था. मैं यही प्रार्थना कर रहा था कि राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो. सभी की प्रार्थना पूरी हुई, उसी दिन राम मंदिर के पक्ष में निर्णय आया."
पीएम मोदी ने कहा कि, "कुरुक्षेत्र की इस धरती पर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि सत्य के मार्ग पर अपने धर्म के लिए प्राण देना भी श्रेष्ठ है. गुरु तेग बहादुर जी ने भी सत्य और न्याय को अपना धर्म माना और उन्होंने इसकी रक्षा के लिए अपने प्राण तक दे दिए. कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि सिख परंपरा का मुख्य केंद्र है. जब नौंवी पातशाही गुरु तेग बहादुर यहां आए, तो उन्होंने यहां अपनी साहसिक छाप छोड़ी."
उन्होंने यह भी कहा कि, "धर्म का तिलक सुरक्षित रहे, लोगों की आस्था पर अत्याचार न हो, इसके लिए गुरु साहब ने सब कुछ न्योछावर कर दिया. आनंदपुर साहिब हमारी राष्ट्रीय चेतना की शक्ति है. आज हिंदुस्तान का जो स्वरूप है, उसमें गुरु साहब जैसे महापुरुषों का ज्ञान और त्याग छिपा हुआ है. आज गुरु साहब को 'हिंद की चादर' के रूप में पूजा जाता है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "पिछले ग्यारह सालों में हमारी सरकार ने इस पावन परंपरा को, सिख परंपरा के उत्सव को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया. हमारी सरकार को गुरुओं से जुड़े स्थलों को दिव्य बनाने का मौका भी मिला है. गुरुओं के हर तीर्थ को आधुनिक भारत से जोड़ने का काम किया. हमने सिंह परंपरा के इतिहास को पाठ्यक्रम का हिस्सा भी बनाया."
पीएम मोदी ने कहा कि, "नशे ने युवाओं को अंधेरे से घेर दिया है. सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन ये समाज की भी लड़ाई है. ऐसे समय में गुरु तेग बहादुर की शिक्षा हमारे लिए प्रेरणा भी है और समाधान भी है. गुरु महाराज के बताए इसी मार्ग पर चलते हुए हम नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का काम करें तो ये समस्या जड़ से समाप्त हो जाएगी."
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