लाल किले से घुसपैठियों के खिलाफ PM Modi का बड़ा ऐलान, जानें क्या है 'हाई पावर्ड डेमोग्राफी मिशन'

    PM Modi Independence Day 2025: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक गूंजता हुआ संदेश दिया, देश के भीतर जनसंख्या संतुलन के साथ हो रहा खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

    PM Modi big announcement against intruders from Red Fort know High Powered Demography Mission
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    PM Modi Independence Day 2025: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक गूंजता हुआ संदेश दिया, देश के भीतर जनसंख्या संतुलन के साथ हो रहा खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीमावर्ती इलाकों में हो रही घुसपैठ और डेमोग्राफिक बदलाव को देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री ने एक नए और ठोस कदम की घोषणा की , "हाई पावर्ड डेमोग्राफी मिशन".

    यह पहली बार है जब स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने इस संवेदनशील मुद्दे को सीधे तौर पर उठाया है, और उसे राष्ट्रीय संकट करार देते हुए कठोर शब्दों में घुसपैठियों की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं.

    "सोची-समझी साजिश से बदल रही है देश की डेमोग्राफी"

    प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यह केवल जनसंख्या का मुद्दा नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित साजिश है, जो देश की आंतरिक स्थिरता को कमजोर करने की दिशा में काम कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ये घुसपैठिए मेरे देश के युवाओं की रोजी-रोटी छीन रहे हैं. ये बहन-बेटियों को निशाना बना रहे हैं. ये आदिवासी क्षेत्रों में घुसकर ज़मीनों पर कब्जा कर रहे हैं. यह देश अब यह सहन नहीं करेगा."

    देश की सुरक्षा के लिए खतरा

    प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि जब सीमावर्ती क्षेत्रों में डेमोग्राफिक संरचना बदलती है, तो इससे सिर्फ सामाजिक तनाव ही नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा को भी गहरा आघात लगता है. उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल वर्तमान की नहीं, बल्कि आने वाले भविष्य की दिशा तय करने वाली चुनौती है.

    क्या है इसका उद्देश्य?

    प्रधानमंत्री मोदी ने इस समस्या से निपटने के लिए हाई पावर्ड डेमोग्राफी मिशन के रूप में एक निर्णायक कदम उठाने की घोषणा की. इस मिशन के तहत देश के विभिन्न हिस्सों, खासकर सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्रों में जनसंख्या संरचना के विश्लेषण, निगरानी और रणनीतिक हस्तक्षेप किया जाएगा, ताकि देश की सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखा जा सके.

    "देश किसी और के हवाले नहीं किया जा सकता"

    अपने भावनात्मक संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पूर्वजों ने बलिदान देकर यह देश आज़ाद कराया है. अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसी को भी इस मिट्टी से खेलने न दें. कोई देश अपना देश दूसरों के हवाले नहीं कर सकता." गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण उन सभी चुनौतियों की ओर संकेत करता है जो आज के भारत के सामने आंतरिक स्तर पर खड़ी हैं. अब जब सरकार ने डेमोग्राफिक बदलाव को सुरक्षा और नीति का मुद्दा मान लिया है, तो यह साफ है कि आने वाले दिनों में इस पर और सख्त कदम देखने को मिल सकते हैं.

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