मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी, विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी मिले

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा ने भारत और मालदीव के द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.

    PM Modi attended the Independence Day celebrations of Maldives
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    माले: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा ने भारत और मालदीव के द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. यह यात्रा न केवल कूटनीतिक प्रतीकों से भरपूर रही, बल्कि इसमें दोनों देशों के बीच वास्तविक और ठोस समझौतों की एक श्रृंखला भी सामने आई. मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों की ऐतिहासिक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूती प्रदान की.

    ऐतिहासिक अवसर पर भारत की भागीदारी

    26 जुलाई 1965 को ब्रिटिश नियंत्रण से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने वाले मालदीव ने इस वर्ष अपना हीरक जयंती वर्ष मनाया. इस मौके पर पीएम मोदी की उपस्थिति दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ का प्रतीक भी बनी. 1887 से 1965 तक मालदीव की विदेश नीति और रक्षा ब्रिटिश नियंत्रण में रही, लेकिन आज वह एक स्वतंत्र और भारत के साथ जुड़ा हुआ रणनीतिक साझेदार है.

    उपराष्ट्रपति और विपक्ष से भी मुलाकात

    पीएम मोदी ने मालदीव के उपराष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ, संसद के स्पीकर अब्दुल रहीम अब्दुल्ला, और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद से अलग-अलग मुलाकातें कीं. इन मुलाकातों में व्यापार, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढांचे और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. इस यात्रा की खास बात यह रही कि मोदी ने विपक्षी दलों के नेताओं से भी संवाद स्थापित किया, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक संवाद और राजनीतिक संतुलन सुनिश्चित किया जा सके.

    आठ समझौते: रक्षा, व्यापार और तकनीक पर फोकस

    प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के बीच हुई वार्ता के दौरान कुल आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. ये समझौते कर्ज सुविधा, मुक्त व्यापार समझौते (FTA), मत्स्य पालन, जल कृषि, डिजिटल ट्रांजैक्शन, फार्माकोपिया, और भारत की यूपीआई तकनीक के विस्तार जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करते हैं.

    माले में रक्षा मंत्रालय के नए भवन का उद्घाटन भी इसी यात्रा का हिस्सा रहा, जो भारत-मालदीव रक्षा सहयोग का प्रतीक है. इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव को 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत एक पौधा भेंट किया, जो दोनों देशों के बीच पर्यावरणीय सहयोग का प्रतीकात्मक संकेत था.

    भारत का रक्षा सहयोग: मालदीव सेना को 72 वाहन दिए

    भारत ने मालदीव की राष्ट्रीय रक्षा सेना (MNDF) को 72 सैन्य वाहन भेंट किए. इस सहयोग की जड़ें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके मालदीवी समकक्ष मोहम्मद गस्सान मऊमून के बीच हुई बातचीत में निहित हैं. यह सैन्य सहयोग केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है.

    इस अवसर पर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मुइज्जू को एक प्रतीकात्मक चाबी सौंपते हुए इन वाहनों का हस्तांतरण किया. इससे यह स्पष्ट संकेत गया कि भारत न केवल मालदीव का पड़ोसी है, बल्कि उसका रणनीतिक सहयोगी भी है.

    पीएम मोदी का संदेश: भारत हमेशा साथ खड़ा रहा है

    अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, "भारत-मालदीव के संबंध केवल भौगोलिक निकटता पर नहीं, बल्कि गहरे विश्वास, सहयोग और साझे मूल्यों पर आधारित हैं." उन्होंने कहा कि भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है. महामारी हो या आर्थिक संकट, भारत ने हर बार मालदीव की मदद की है — चाहे वह आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हो, या वित्तीय सहायता.

    संबंधों में उतार-चढ़ाव और नए संतुलन की दिशा

    भारत और मालदीव के रिश्तों ने हाल के वर्षों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. 2023 में जब मुइज्जू ने 'इंडिया आउट' आंदोलन के समर्थन के साथ चुनाव जीता, तब दोनों देशों के बीच तनाव देखने को मिला. इसके बावजूद, दिसंबर 2023 में दुबई में हुए COP-28 सम्मेलन में मोदी और मुइज्जू की मुलाकात ने संबंधों को पटरी पर लौटाने की शुरुआत की.

    हालांकि, 2024 की शुरुआत में मालदीव के कुछ मंत्रियों द्वारा पीएम मोदी और लक्षद्वीप यात्रा को लेकर की गई टिप्पणियों से भारत में ‘बायकॉट मालदीव’ का अभियान शुरू हो गया था. इसके बावजूद, दोनों देशों के नेताओं ने संवाद जारी रखा और मुइज्जू ने मांग की कि मई 2024 तक भारत अपने सैन्य कर्मियों को हटाए. भारत ने इस मांग को पूरा करते हुए सैनिकों की जगह तकनीकी विशेषज्ञों को तैनात किया.

    आर्थिक सहयोग की नई तस्वीर

    अक्टूबर 2024 में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान भारत ने मालदीव को 750 मिलियन डॉलर की करेंसी स्वैप सुविधा दी, जिससे मालदीव को विदेशी मुद्रा संकट से उबरने में सहायता मिली.

    मई 2025 में भारत ने मालदीव के लिए 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिल को रोल ओवर किया, जिससे वहां की अर्थव्यवस्था को और स्थिरता मिली.

    साझा भविष्य की ओर

    भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया. उन्होंने कहा, “भारत और मालदीव ने अपने संबंधों को नया जीवन दिया है. अब यह सहयोग न केवल परंपरागत क्षेत्रों तक सीमित है, बल्कि डिजिटल, जलवायु और नवाचार जैसे नए क्षेत्रों को भी शामिल करता है.”

    मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने यह दर्शा दिया कि दोनों देश सिर्फ पड़ोसी ही नहीं, बल्कि साझा भविष्य के साझेदार हैं.

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