Parliament Monsoon Session: जैसे-जैसे 21 जुलाई की तारीख नज़दीक आ रही है, देश की राजनीति एक बार फिर तेज़ गर्माने लगी है. संसद का मानसून सत्र इस बार केवल विधायी कार्यों तक सीमित नहीं रहने वाला, बल्कि केंद्र और विपक्ष के बीच तल्ख़ राजनीतिक टकराव का भी गवाह बनेगा. इसी पृष्ठभूमि में रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीयूष गोयल, मनोहर लाल और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए.
रणनीति के केंद्र में एसआईआर और ऑपरेशन सिंदूर
इस अहम बैठक में आगामी सत्र को लेकर सरकार की रणनीति पर चर्चा हुई. खासतौर पर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मुद्दों पर सरकार का रुख तय किया गया. सरकार इन मसलों को लेकर विपक्ष के संभावित हमले के लिए तैयार दिख रही है. हालांकि बैठक के आधिकारिक एजेंडे को लेकर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि भाजपा नेतृत्व संसद सत्र से पहले कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता.
मानसून सत्र में गर्मा सकते हैं ये मुद्दे
सत्र की टाइमिंग भी राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील है. स्वतंत्रता दिवस के पहले और बाद का माहौल, हालिया आतंकी घटनाएं और विपक्षी दलों की आक्रामकता, ये सभी संकेत देते हैं कि संसद का यह सत्र काफी हंगामेदार हो सकता है. कांग्रेस, सपा और तृणमूल कांग्रेस जैसे दल एसआईआर को भाजपा के पक्ष में वोटरों को प्रभावित करने की कवायद बता रहे हैं. वहीं, अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक युद्धविराम में मध्यस्थता के दावे को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है. भले ही केंद्र ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया हो, लेकिन विपक्ष इस पर विस्तृत बहस की मांग कर रहा है और संसद का विशेष सत्र बुलाने तक की बात कह चुका है.
महाभियोग प्रस्ताव से लेकर विधेयकों की बारिश
सरकार इस सत्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में भी है, जो कि एक संवेदनशील और चर्चा योग्य मुद्दा होगा. साथ ही, केंद्र की प्राथमिकता कई अहम विधेयकों को पारित कराना भी है.
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