मध्य-पूर्व के सबसे विवादित क्षेत्रों में से एक, गाजा पट्टी को लेकर फिलिस्तीन की सियासत में एक बड़ा भूचाल आया है. लंबे समय से शांत डिप्लोमैटिक भाषा अपनाने वाले फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अब तीखा रुख अपनाते हुए हमास पर सीधा हमला बोला है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्बास ने हमास को ‘कुत्तों की औलाद’ कहा और उनसे इजराइली बंधकों की रिहाई के साथ हथियार छोड़ने की मांग की है. उनका यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब गाजा पट्टी इजराइली हमलों से बुरी तरह जूझ रही है और हजारों नागरिकों की जान खतरे में है.
हमास को रिहा करने होंगे बंधक
रामल्लाह से बुधवार को टीवी पर दिए गए अपने भाषण में अब्बास ने कहा, “बंधकों को रिहा करो, ताकि इजराइल को हमला करने का बहाना न मिले. ये नरसंहार बंद होना चाहिए.” उन्होंने यह भी साफ किया कि गाजा पर हो रहा इजराइली हमला बंधकों की आड़ में हो रहा है और इससे फिलिस्तीनी नागरिकों को जान का खतरा है.
हमास के लिए कूटनीतिक झटका
अब्बास का यह बयान हमास के लिए कूटनीतिक रूप से एक करारा झटका माना जा रहा है. ऐसा पहली बार हुआ है जब फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने सार्वजनिक मंच से इतनी कठोर शब्दावली में हमास की आलोचना की हो. इस बयान के बाद यह साफ है कि फिलिस्तीन के भीतर भी हमास की नीतियों को लेकर गहरी असहमति है.
PLO बनाम हमास, सियासी दरारें गहरी
अब्बास की पार्टी PLO (पैलेस्टाइन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन) वेस्ट बैंक में शासन करती है, जबकि गाजा पट्टी पर हमास का नियंत्रण है. दोनों गुटों की विचारधाराएं एक-दूसरे से एकदम विपरीत हैं. जहां PLO वैश्विक मंचों पर शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करता है, वहीं हमास हथियारबंद संघर्ष के रास्ते पर चलता आया है. यही कारण है कि इन दोनों के बीच सियासी तनाव अक्सर सतह पर आ जाता है.
हमास को हथियार छोड़ने की सलाह
राष्ट्रपति अब्बास के बयान से पहले मिस्र ने भी हमास को अपने हथियार छोड़ने की सलाह दी थी, जिससे संकेत मिलता है कि क्षेत्रीय ताकतें इस संघर्ष को खत्म करने के प्रयास में हैं. फिलहाल इजराइल-हमास संघर्षविराम वार्ता अधर में लटकी हुई है, और अब्बास की इस सख्त टिप्पणी से समीकरण और उलझ सकते हैं.
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