जहां भारत ने किया हमला, वहां थे US के परमाणु बम! नूर खान एयरबेस पर पाकिस्तानी एक्सपर्ट का खुलासा

    पाकिस्तान के वरिष्ठ सुरक्षा विश्लेषक इम्तियाज गुल ने हाल ही में एक चौंकाने वाला दावा किया है, जिसने पूरी घटना को नया आयाम दे दिया है.

    US had nuclear bombs at the place where India attacked
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के बाद कई परतें अब खुलने लगी हैं. पाकिस्तान के वरिष्ठ सुरक्षा विश्लेषक इम्तियाज गुल ने हाल ही में एक चौंकाने वाला दावा किया है, जिसने पूरी घटना को नया आयाम दे दिया है.

    इम्तियाज गुल के मुताबिक, नूर खान एयरबेस, जिस पर भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमला किया था, वहां अमेरिकी परमाणु हथियार रखे गए थे. उनका कहना है कि इसी वजह से अमेरिका, विशेष रूप से तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारत-पाकिस्तान के इस सैन्य टकराव को तत्काल रोकने के लिए सक्रिय हो गए थे.

    क्यों मचा अमेरिका में हड़कंप?

    गुल का दावा है कि जैसे ही भारत ने नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया, वॉशिंगटन में हड़कंप मच गया. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को अंदेशा हुआ कि भारत की इस कार्रवाई से अमेरिकी रणनीतिक संपत्तियां भी खतरे में पड़ सकती हैं. यही कारण था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से युद्ध विराम के लिए तात्कालिक संपर्क साधा.

    गौरतलब है कि अमेरिका पहले भी पाकिस्तान में अपने गुप्त सैन्य ठिकानों का उपयोग करता रहा है, खासकर अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अभियानों के दौरान. इस संदर्भ में नूर खान एयरबेस की संवेदनशीलता और बढ़ जाती है.

    ऑपरेशन सिंदूर: भारत की कार्रवाई

    भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत कई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. इनमें पाकिस्तान के सरगोधा के पास स्थित किराना हिल्स भी शामिल था, जो लंबे समय से पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार के प्रमुख ठिकानों में गिना जाता है.

    जानकारी के मुताबिक, भारत ने किराना हिल्स और नूर खान एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर पाकिस्तान के कमांड एंड कंट्रोल इन्फ्रास्ट्रक्चर को गंभीर क्षति पहुंचाई. इन हमलों के बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई की क्षमता काफी हद तक सीमित हो गई थी.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इशारा

    ऑपरेशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी देश का नाम लिए सार्वजनिक रूप से कहा था कि भारत ने "परमाणु हथियारों की धमकी" की पोल खोल दी है. राजनीतिक और सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान पाकिस्तान के उन लगातार दावों पर कटाक्ष था, जिसमें परमाणु हमले की धमकी दी जाती रही थी.

    परमाणु धमकियों की हकीकत

    पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित कई शीर्ष पाकिस्तानी नेताओं ने बार-बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी थी. लेकिन भारत की अप्रत्याशित और सटीक जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान का यह 'न्यूक्लियर ब्लफ' पूरी दुनिया के सामने उजागर हो गया.

    अमेरिकी प्रशासन की प्रतिक्रिया

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस समेत कई शीर्ष अमेरिकी अधिकारी शुरुआत में भारत-पाकिस्तान विवाद में तटस्थ रहने की बात कर रहे थे. लेकिन जैसे-जैसे भारत की सैन्य कार्रवाई आगे बढ़ी, अमेरिकी नेतृत्व तेजी से सक्रिय हो गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर सैन्य कार्रवाई रोकने का आग्रह किया था.

    विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी प्रशासन को यह अंदाजा नहीं था कि भारत इस स्तर तक जवाबी कार्रवाई करेगा और पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को निशाना बना सकता है.

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