भारत के 'दोस्तों' पर डोरे डाल रहा पाकिस्तान, अब इशाक डार ने कर दी ऐसी हरकत; दुनियाभर में होगी किरकिरी!

    पाकिस्तान की घबराहट का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां के विदेश मंत्री इशाक डार ने अपनी संसद (सीनेट) में बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान पहले हमला नहीं करेगा.

    Pakistan woo India friends Ishaq Dar
    इशाक डार | Photo: ANI

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत को हिला कर रख दिया है. 26 निर्दोष हिंदू नागरिकों की निर्मम हत्या के बाद देश का जनमानस आक्रोश से उबल रहा है. इस हमले ने न सिर्फ भारत के भीतर सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों को भी एक बार फिर संकट के मोड़ पर पहुंचा दिया है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब सिर्फ निंदा और चेतावनी नहीं, बल्कि निर्णायक जवाब दिया जाएगा – और इसके लिए भारतीय सेना को पूरी स्वतंत्रता दे दी गई है.

    कूटनीति के मंच पर भी युद्ध जैसा माहौल

    जमीनी स्तर पर भारत जहां आतंकी ठिकानों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक नई कूटनीतिक लड़ाई शुरू हो चुकी है. भारत ने अपने रणनीतिक साझेदारों और मित्र देशों को यह साफ संदेश दे दिया है कि अब वह खामोश नहीं बैठेगा. इस बीच, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को "पीड़ित" दिखाने की कोशिश में जुट गया है. उसका प्रयास है कि भारत को "हमलावर" के रूप में पेश किया जाए.

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दिखाई घबराहट

    पाकिस्तान की घबराहट का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां के विदेश मंत्री इशाक डार ने अपनी संसद (सीनेट) में बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान पहले हमला नहीं करेगा, लेकिन यदि भारत ने कार्रवाई की, तो जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा. यह बयान भारत के बढ़ते आक्रामक रुख और पाकिस्तान की कूटनीतिक बेचैनी को साफ तौर पर दर्शाता है.

    डार की डैमेज कंट्रोल डिप्लोमेसी

    पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इस घटनाक्रम को लेकर कई देशों से संपर्क साधा है. डार ने बताया कि उन्होंने सऊदी अरब, यूएई, चीन, ब्रिटेन, तुर्की, अजरबैजान, कुवैत, बहरीन और हंगरी के विदेश मंत्रियों से बातचीत की है. इसके अलावा कतर के प्रधानमंत्री से भी उनकी बातचीत हुई है. उन्होंने चीन और तुर्की की विशेष सराहना की, जो कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन में सामने आए हैं.

    हालांकि जिन देशों से डार ने संपर्क किया, उनमें से कई भारत के करीबी और रणनीतिक साझेदार हैं—विशेषकर सऊदी अरब और यूएई. यह वही समय था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे और हमले की खबर मिलते ही उन्होंने यात्रा बीच में छोड़कर भारत वापसी का फैसला किया था. यह दर्शाता है कि भारत और खाड़ी देशों के बीच विश्वास और संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हो चुके हैं.

    डार का पुलवामा का संदर्भ और भारत पर आरोप

    डार ने 2019 के पुलवामा हमले की भी चर्चा की, जिसमें 40 भारतीय जवान शहीद हुए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत उस हमले का उपयोग जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए एक रणनीतिक अवसर के रूप में कर चुका है. इसी तर्ज़ पर अब भी भारत की मंशा पर सवाल उठाकर पाकिस्तान अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहा है.

    भारत की ओर से कड़ा संदेश

    भारत की सरकार और जनता दोनों ही इस बार नरमी के मूड में नहीं हैं. कूटनीतिक स्तर पर सहयोगियों को जानकारी देकर और सैन्य मोर्चे पर तैयारियों को अंतिम रूप देकर भारत ने साफ संकेत दे दिया है कि अब आतंकवाद का हर जवाब निर्णायक होगा – और समय भी भारत तय करेगा.

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