चाइना का माल बेचेगा पाकिस्तान! भारत के 2 दोस्तों को पटाने की कर रहा कोशिश, क्या है अगली चाल?

    हाल ही में भारत के साथ हुए संघर्ष में पाकिस्तान को मिली बड़ी हार के बाद, अब पाकिस्तान अपनी सैन्य कूटनीतिक रणनीति को नए सिरे से सशक्त करने की कोशिश कर रहा है. देश की सैन्य शक्ति को फिर से क्षेत्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर ने कदम बढ़ाए हैं.

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    चाइना का माल बेचेगा पाकिस्तान!

    हाल ही में भारत के साथ हुए संघर्ष में पाकिस्तान को मिली बड़ी हार के बाद, अब पाकिस्तान अपनी सैन्य कूटनीतिक रणनीति को नए सिरे से सशक्त करने की कोशिश कर रहा है. देश की सैन्य शक्ति को फिर से क्षेत्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर ने कदम बढ़ाए हैं. जनरल मुनीर इस महीने के अंत में चीन, श्रीलंका और इंडोनेशिया का एक महत्वपूर्ण दौरा करेंगे, जो पाकिस्तान के कूटनीतिक और सैन्य संबंधों को मजबूत करने के लिहाज से एक अहम मोड़ साबित हो सकता है.

    मुनीर का दौरा: एक सोच-समझी कूटनीतिक पहल

    पाकिस्तान के उच्च सैन्य अधिकारियों के अनुसार, जनरल मुनीर का यह दौरा कोई सामान्य कूटनीतिक मिशन नहीं है. यह एक रणनीतिक प्रयास है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान को दक्षिण-पूर्व एशिया और अन्य समान विचारधारा वाले देशों के साथ मजबूती से जोड़ना और दीर्घकालिक सैन्य सहयोग स्थापित करना है. मुनीर की यात्राओं का वास्तविक मकसद क्षेत्रीय सैन्य संतुलन में पाकिस्तान की शक्ति को बढ़ावा देना और अपने कूटनीतिक रिश्तों को नई दिशा देना है.

    सूत्रों के मुताबिक, इन यात्राओं का मुख्य उद्देश्य चीन के सैन्य उत्पादों की मार्केटिंग करना है. खासकर पाकिस्तान, चीन और तुर्की के साथ मिलकर हथियारों की बिक्री के लिए एक नया बाजार तैयार करने की योजना पर काम कर रहा है. इन देशों के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग से पाकिस्तान खुद को क्षेत्रीय हथियारों के विक्रेता के रूप में स्थापित करना चाहता है.

    पाकिस्तान की नई सैन्य कूटनीति

    जनरल मुनीर 20 से 22 जुलाई तक श्रीलंका और 24 से 26 जुलाई तक इंडोनेशिया का दौरा करेंगे. इन दोनों देशों में पाकिस्तान की सैन्य क्षमता और हथियारों की बिक्री पर चर्चा हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, इन यात्रा कार्यक्रमों के बीच जनरल मुनीर का चीन दौरा भी हो सकता है, जो फिलहाल गोपनीय रखा गया है. इस दौरे में पाकिस्तान और चीन के बीच खुफिया जानकारी साझा करने, रक्षा खरीदारी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सैन्य संतुलन पर चर्चा की संभावना जताई जा रही है.

    चीनी और तुर्की हथियारों की मार्केटिंग: पाकिस्तान की नई रणनीति

    पाकिस्तान, भारत के साथ तनाव के बाद अब अपने रणनीतिक सहयोगियों के साथ सैन्य संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व चीन के सहयोग से संयुक्त रूप से निर्मित JF-17 थंडर फाइटर जेट और तुर्की के बायरकतर ड्रोन को क्षेत्रीय बाजार में बेचने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान का लक्ष्य इन देशों को इन हथियारों की पेशकश कर खुद को एक महत्वपूर्ण सैन्य प्रदाता के रूप में स्थापित करना है.

    इस साल की शुरुआत में, तुर्की और इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रियों ने इस्लामाबाद का दौरा किया था, जिसमें सैन्य प्रशिक्षण, संयुक्त उत्पादन और क्षेत्रीय सुरक्षा समन्वय पर चर्चा की गई. इन दौरों ने पाकिस्तान के सैन्य रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आने वाले दिनों में इस तरह के और भी उच्चस्तरीय दौरे देखने को मिल सकते हैं.

    पाकिस्तान का सैन्य विस्तार: एक नई दिशा

    पाकिस्तान की सैन्य कूटनीति अब सिर्फ क्षेत्रीय सुरक्षा पर केंद्रित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी अपनी स्थिति को और मजबूत करने के प्रयासों में है. मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तान का उद्देश्य न केवल सैन्य सहयोग बढ़ाना है, बल्कि अपने हथियारों और सैन्य तकनीक को भी वैश्विक बाजार में स्थापित करना है. यह कदम पाकिस्तान को न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाएगा, बल्कि उसे अपनी सैन्य और कूटनीतिक ताकत को बढ़ाने का एक नया रास्ता भी देगा.

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